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पाली-राजस्थान में तीन दिनों में डेंगू से तीन लोगों की मौत हुई है। मृतकों में सरकारी डॉक्टर, नर्सिंग छात्रा और बिजनेसमैन शामिल हैं। पाली के बिजनेसमैन और कोटा में एएनएम ट्रेनिंग कर रही छात्रा को बार-बार बुखार आ रहा था। जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। धीरे-धीरे तबीयत बिगड़ी और दोनों की जान चली गई। 25 सितंबर को ही जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती डॉ. ज्योति मीणा की डेंगू की वजह से मौत हो गई थी। वह दौसा के एक सरकारी हॉस्पिटल में तैनात थीं।
पाली किया गया था रेफर पाली जिले के खागड़ी (सांडेराव) निवासी सुरेश घांची पुत्र मांगीलाल घांची मुंबई के मुमबरा में कॉस्मेटिक आइटम की शॉप चलाता था। बार-बार बुखार आने पर वह 26 सितंबर को अपने गांव आया था। परिवार वाले उसे सुमेरपुर हॉस्पिटल में दिखाया। हालत ज्यादा खराब होने पर पाली रेफर किया गया। पाली ले जाते समय 27 सितंबर की रात करीब 9 बजे उसकी मौत हो गई।
मां का रो-रोकर बुरा हाल
जवान बेटे की मौत से मां का रो-रोकर बुरा हाल है। सुरेश के जीजा मुकेश कुमार ने बताया- 2019 में सुरेश की शादी हुई थी। 3 महीने पहले ही वह पिता बना था।
ट्रॉमा सेंटर में भर्ती की थी तैयारी
बांगड़ हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. आरके विश्नोई ने बताया- सुमेरपुर से रेफर होकर आ रहे डेंगू के मरीज की जानकारी मिलने पर ट्रॉमा वार्ड में तैयारियां करवा ली थीं। हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसकी मौत हो गई।
तीन-चार दिन बुखार के बाद डॉक्टरों ने जांच की थी नाजिया खानम (21) कोटा के नयापुरा स्थित एएनएम ट्रेनिंग सेंटर से नर्सिंग कर रही थी। तीन-चार दिन बुखार आने पर कोटा में ही डॉक्टर्स से चेकअप कराया था। 25 सितंबर को वह अपने गांव इटावा (कोटा) चली गई थी। 26 सितंबर को उसको ड्रिप लगाई गई थी। फिर भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। परिवार वाले उसे इटावा हॉस्पिटल लेकर गए। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने नाजिया को कोटा के लिए रेफर कर दिया।
कोटा में जनवरी से अब तक 178 केस आए सामने उसे कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में लाया गया था, जहां इलाज के दौरान 26 सितंबर की शाम करीब 4 बजे उसकी मौत हो गई। नाजिया के घरवालों के अनुसार, बुखार छात्रा के मस्तिष्क तक पहुंच गया था, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। कोटा जिले में डेंगू के जनवरी से अब तक 178 केस सामने आ चुके हैं।