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पाली-चंडावल थाना क्षेत्र के अटबड़ा में दबंगों द्वारा मारपीट और डरा धमकाने से आहत एक नाबालिग लड़की द्वारा आत्महत्या और युवक द्वारा जहर खाने के मामले में शनिवार को भी पुलिस ने आरोपियों के ठिकाने पर दबिश दी, लेकिन वे नहीं मिले। इस बीच आत्महत्या के बाद दफनाए नाबालिग लड़की का शव पुलिस मजिस्ट्रेट के आदेश पर बाहर निकालेगी। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में 22 अप्रैल को शव को निकाल मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इधर, पुलिस ने मारपीट से आहत होकर जहर खाने वाले सिनला निवासी पीड़ित अनिल मेघवाल के बयान लेकर उससे घटनास्थल की तस्दीक भी कराई। पीड़ित ने अपने बयान में घटना वाले दिन आठ से दस लोगों द्वारा मारपीट करने की बात कही है। घटना के समय मौके पर मौजूद एक अन्य लड़की के भी पुलिस ने बयान लिए, जिसने भी मारपीट की पुष्टि की है। मामले की जांच कर रहे सीओ सोजत जेठूसिंह करणोत के निर्देशन में चंडावल थाना प्रभारी किशनाराम विश्नोई की टीम आरोपियों की तलाश में जुटी है।
दो शिक्षक शक के दायरे में, केस नहीं कराने का दबाव
पुलिस ने बताया कि 9 मार्च को सुबह सिनला गांव का पीड़ित अनिल मेघवाल अटबड़ा गांव में रिश्तेदार नाबालिग लड़की से उसकी सहेली के साथ घर के पास खड़ा होकर बातें कर रहा था। इस दौरान वहां जितेंद्र पंवार सीरवी, ओगड़राम सीरवी, भंवरलाल सीरवी समेत आठ से दस लोगों ने मारपीट की और डरा धमका कर वहां से भगा दिया और दुबारा गांव में नहीं दिखने की धमकियां दी। घटना से घबराई नाबालिग उर्मिला मेघवाल ने घर पहुंच फांसी लगा आत्महत्या कर ली। दूसरे दिन 10 मार्च को रिश्तेदार द्वारा सुसाइड की जानकारी पर अनिल ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया, जिसका अब भी उपचार चल रहा है।
आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में केस दर्ज
चंडावल पुलिस ने मारपीट, रास्ता रोकने, एससी-एसटी एक्ट और आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में 17 अप्रैल को मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है। जांच में सामने आया है कि घटना के बाद आरोपियों ने आत्महत्या करने वाली लड़के के परिजनों पर केस दर्ज नहीं करने के लिए दबाव बनाया। इस घटना में गांव के दो सरकारी शिक्षक की भूमिका भी संदिग्ध है, जिसकी विस्तृत जांच की जा रही है।