PALI SIROHI ONLINE
पाली-अकार्यशील खुले बोरवेल/ट्यूबवेल के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये विभागों को सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देश जारी, जिला स्तरीय निगरानी समिति का गठन
पाली, 30 दिसम्बर।राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला कलक्टर एलएन मंत्री ने अकार्यशील खुले बोरवेल/ट्यूबवेल के कारण होने वाली घातक दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सुरक्षा संबंधित दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते भूजल विभाग, नगरीय निकायों और ग्रामीण विकास अधिकारियों, को आवश्यक दिशा निर्दैश जारी किये है।
साथ ही जिला स्तरीय निगरानी समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि साथ ही खण्ड स्तर, नगरीय क्षेत्र, ग्राम पंचायत स्तर एवं नगर स्तर पर सुरक्षा समितियां गठित होगी। इसके अंतर्गत खुले पड़े बोरवेल, टयूबवेल को बंद करने, सुरक्षित पद्धति से ढक लेने एवं तारबंदी से टयूबवेल क्षेत्र सुरक्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
*जिला स्तरीय निगरानी समिति का गठन*
जिला कलक्टर एलएन मंत्री ने बताया कि अकार्यशील खुले बोरवेल/ट्यूबवेल के कारण होने वाली घातक दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सुरक्षा संबंधित दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय निगरानी समिति का गठन किया गया है। जिसमें जिला कलक्टर अध्यक्ष, अतिरिक्त जिला कलक्टर सदस्य, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद सदस्य एवं अधीक्षण अभियंता जल संसाधन विभाग को सदस्य सचिव मनोनित किया है। उन्होंने आयुक्त नगर निगम, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिकाओं, पंचायत समिति विकास अधिकारियों एवं अधीक्षण अभियंता जल संसाधन विभाग को दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सुरक्षा संबंधी दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
*सुरक्षा की दृष्टि से की जाने वाली कार्रवाई*
ग्राम स्तरीय सुरक्षा समिति/नगर स्तरीय सुरक्षा समिति द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण किया जाकर खुले बोरवेल / ट्यूबवेल का चिन्हीकरण किया जायेगा। खुले खतरनाक बोरवेल / ट्यूबवेल के मालिकों से संपर्क किया जाकर उसे तारबंदी से सुरक्षित किया जावेगा। बोरवेल / ट्यूबवेल असफल (सूखा) होने की स्थिति में उससे संबंधित व्यक्ति से मिट्टी/कंकड/बजरी आदि से बंद किया जायेगा।
उन्होंने संबंधित व्यक्ति उपलब्ध / चिन्हित नहीं होने की स्थिति में राजकीय व्यवस्था से खुले बोरवेल / ट्यूबवेल को सुरक्षित / बंद किया जायेगा। असुरक्षित खुले बोरवेल / ट्यूबवेल छोड़ने में किसी व्यक्ति विशेष की लापरवाही होने पर उसकी ग्राम स्तरीय सुरक्षा समिति/नगर स्तरीय सुरक्षा समिति/अन्य राजकीय तंत्र के माध्यम से उचित कानुनी कार्रवाई की जायेगी। खुले बोरवेल / ट्यूबवेल से होने वाले दुर्घटना के प्रत्ति लगातार जागरूकता की जायेगी इस हेतु ग्राम सभा, विद्यालयों की प्रार्थना सभा आदि ग्राम स्तरीय / स्थानीय मंचों का उपयोग किया जायेगा। प्रत्येक माह की 10 तारीख तक ग्राम स्तरीय / नगर स्तरीय समिति द्वारा खुले बोरवेल / ट्यूबवेल बंद/तारबंदी द्वारा सुरक्षित किये जाने संबंधी प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जायेगा।
*राज्य स्तर पर व भू-जल विभाग के कर्तव्य*
राजधारा आधारित वेब पोर्टल बनाया जाये जिसमें ड्रिलिंग पोर्टल पर ड्रिलिंग मशीन मालिक/एजेन्सी के पंजीकरण की सुविधा हो। उक्त पोर्टल पर किसी भी ड्रिलिंग मशीन द्वारा ट्यूबवेल / बोरवेल खोदने के पश्चात इस कार्य की जियो टैगिंग, ट्यूबवेल मालिक की सम्पूर्ण सूचना अपलोड करने की सुविधा हो।
उक्त पोर्टल पर असुरक्षित खुले बोरवेल / ट्यूबवेल आदि की सूचना किसी भी आम नागरिक द्वारा दिये जाने हेतु भी उचित सुविधा बनाई जायेगी। इस पोर्टल का एक मोबाईल एप भी बनाया जायेगा। खुले ट्यूब वेल को तारबंदी से सुरक्षित किया है अथवा नही की सूचना वेब पोर्टल के माध्यम से मासिक आधार पर एकत्रित किया जाना सुनिश्चित करना।
अक्रियाशील खुले ट्यूबवेल / बोरवेल को मिट्टी, पत्थर, बजरी, कंकड आदि डालकर सुरक्षित बन्द किया जाकर उसकी सूचना वेब पोर्टल पर अपलोड हो रही है अथवा नहीं को सुनिश्चित करना
*आपदा प्रबन्धन के तहत*
नागरीक सुरक्षा संहिता धारा 152 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही करना। ले में कार्यरत समस्त ड्रिलिंग मशीन मालिक / एजेन्सियों के साथ समय समय पर बैठक की जाकर उनके द्वारा सुरक्षित उपायों की पालना की जा रही है अथवा नहीं को सुनिश्चित करना।
नगर स्तरीय / ग्राम स्तरीय सुरक्षा समिति के माध्यम से कोई भी ट्यूबवेल / बोरवेल असुरक्षित एवं खुले नही रहे इस आशय का प्रमाण-पत्र आयुक्त/कार्यकारी अधिकारी खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से प्राप्त करना।
खुले बोरवैल / ट्यूबवेल से आमजन की सुरक्षा को खतरा महसूस होने पर स्वयं द्वारा / उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा /इस कार्य हेतु अधीकृत अन्य कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा ऐसे खुले बोरवेल / ट्यूबवेल छोड़ने वाले व्यक्ति / ट्यूबवेल के मालिक और ड्रिलिंग मशीन मालिक को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 152 (म) के तहत उसको सुरक्षित पद्धति से बंद करने हेतु आदेशित किया जाना। कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा दिये गये ऐसे आदेशों की पालना नहीं होने की स्थिति में सम्बन्धित के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता धारा 155 के अन्तर्गत किया जाना।
*आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी / खण्ड विकास अधिकारी के कर्तव्य*
ब्लाक स्तर के समस्त नगर / ग्राम पंचायत के लिए नगर / ग्राम पंचायत सुरक्षा समिति गठित करने हेतु आदेश जारी किया जाना। नगर/ग्राम पंचायत क्षेत्र में खुले बोरवेल / ट्यूबवेल तो नहीं छोड़े जा रहे है और इस हेतु नगर/ग्राम पंचायत सुरक्षा समिति द्वारा सारे सुरक्षा उपाय किये जा रहे है यह सुनिश्चित करना।
नगर/ग्राम पंचायत क्षेत्र में असुरक्षित ट्यूबवेल / बोरवेल को बंद करवाकर / तारबंदी करवाकर इस आशय का प्रमाण-पत्र नगर / ग्राम पंचायत सुरक्षा समिति से प्राप्त करना।
नगर / ग्राम पंचायत सुरक्षा समिति द्वारा अपने अपने क्षेत्र में भौतिक निरीक्षण पश्चात कोई भी बोरवेल / ट्यूबवेल खुला नही हो इस बात का प्रमाण पत्र अपलोड करने के सम्बन्ध में मोनीटरिंग किया जाना।
नगर / ग्राम पंचायत सुरक्षा समिति द्वारा इस सम्बन्ध में किये जा रहे सुरक्षा उपायों की मोनीटरिंग किया जाना।
*ग्रांम/नगर स्तरीय समिति के कर्तव्य*
नगर/ग्राम सुरक्षा समिति क्षेत्र का निरीक्षण करके कोई बोरवेल / ट्यूबवेल खुला नहीं रहे इस आशय का प्रमाण पत्र बनाकर प्रत्येक माह की 10 तारीख तक विकास अधिकारी / आयुक्त / अधिशाषी अधिकारी को देंगे ।
नगर/ग्राम सुरक्षा समिति समय-समय पर स्कूल प्रार्थना सभाओ में बच्चो को इससे होने वाले खतर आगाह करने हेतु जागरूकता के संदेश दिये जाना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही किसी बच्चे दोस असुरक्षित बोरवेल / ट्यूबवेल की सूचना स्कूल में दी जाती है तो वह सूचना स्कूल से प्राप्त किया जाना सुनिश्चित करेंगें।
नगर / ग्राम पंचायत की बैठकों में समय-समय पर बोरवेल / ट्यूबवेल से होने वाले खतरो के प्रति जागरूक करने हेतु तथा उनकी तारबंदी अथवा बंद करने की पालना करने हेतु ऐजेंडा रखा जाना सुनिश्चित करेंगें।
खुले बोरवेल / ट्यूबवेल पाये जाने पर संबधित बोरवेल / ट्यूबवेल मालिक को उसे तारबंदी से अथवा मिट्टी/बजरी/कंकड/ड्रील कटिंग से बंद करवाकर सुरक्षित करने हेतु आदेशित करेंगें। दिशा-निर्देशों की कठोरता से पालना करवाई जाना सुनिश्चित कराने के लिये कहा है।