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पाली-पाली में बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे किसानों के लिए अब यहीं बारिश आफत बन गई है। भारी बरसात ने किसानों के सपनों को तोड़ने और उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाने का काम किया।
अत्यधिक बरसात से किसानों के खेत बरसाती पानी से लबालब हो गए। जिससे उनकी फसलें खराब हो गई। हताश किसानों का कहना है कि पिछली साल में हुए फसल खराबे का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। वहीं इस बार हुए नुकसान का अब पता नहीं कब मिलेगा।
भास्कर टीम किसानों से मिलने उनके खेतों तक पहुंची और हालातों का जायजा लिया। शहर के सुमेरपुर रोड सिटी होम सोसायटी से आगे स्थित खेतों तक पहुंचे, जहां कुछ परिवार सहित किसान रजगा तोड़ते नजर आए।
ट्रेक्टर लेने का सपना टूटा
सुमेरपुर रोड पर सिटी होम सोसायटी से आगे किसान पुखराज कीर मिले। उन्होंने बताया 7 बीघा में सब्जी की बुवाई की थी। लेकिन अधिक बरसात होने से खेत बरसाती पानी से भर गए। सारी फसल नष्ट हो गई। जिससे काफी नुकसान हुआ। सोचा था अच्छी फसल होने पर इस बार 35 साल पुराना ट्रेक्टर बदलकर नया ले लूंगा लेकिन अब तो अगली फसल बोने के लिए भी लोन लेना पड़ेगा।
पति 12 साल से बीमार, खेती कर घर चलाती हूं किसान कन्यादेवी ने बताया तीन बच्चे है। पति दिमागी बीमारी से पीड़ित है। पिछले करीब 12 साल से उनका इलाज चल रहा है। खेती और मजदूरी कर अपना घर चलाती हूं। लेकिन इस बार काफी नुकसान हुआ है। 5 बीघा में उगाई फसल नष्ट हो गई। हर महीने पति की दो हजार रुपए की दवाईया आती है। तीनों बच्चे निजी स्कूल में पढ़ते है। फसल खराबे के चलते अब आर्थिक रूप से परेशान है।
सोजत, पाली, मारवाड़ और रोहट के किसानों को ज्यादा नुकसान
किसान नेता गिरधारी सिंह मंडली का कहना है- जिले में अति बारिश से पाली, सोजत, रोहट और मारवाड़ जंक्शन के किसानों को ज्यादा नुकसान हुआ है। उनके खेतों में खड़ी फसल 100 प्रतिशत खराब हो गई है। कई किसानों के कच्चे मकान, झोपड़ियां टूट गई। सरकार को चाहिए कि जल्द गिरदावरी करवाकर किसानों को गत वर्ष और इस वर्ष की फसल खराबे की मुआवजा राशि दिलावें, जिससे वे अगली फसल की तैयारी कर सके।
4 लाख हेक्टयर में हुई खरीफ की फसल बुवाई
बता दें कि इस बार जिले भर में 4 लाख 4 हजार 175 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की फसल की बुवाई किसानों ने की है। लेकिन अत्यधिक बरसात से जिले के पाली, रोहट, सोजत और मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के किसानों का अधिक नुकसान हुआ है।