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पाली-पाली में बैंक कर्ज से परेशान दो जनों ने गुरुवार को सुसाइड कर लिया। परिजनों का कहना है कि आर्थिक स्थिति खराब होने से पिछले कुछ माह से बैंक की किश्त नहीं भर पा रहे थे। ऐसे में बैंक वाले बार-बार कॉल पर उन्हें परेशान कर रहे थे। ऐसे में परेशान होकर एक ने तालाब में कूदकर तो दूसरे ने फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस ने दोनों मृतकों की बॉडी पाली के बांगड़ हॉस्पिटल की मॉर्च्यूरी में रखवाई और जांच शुरूकी।
घर में फंदा लगाकर दी जान कोतवाली थाना क्षेत्रके भल्लाराम विश्नोई ने बताया- पाली शहर के धानमंडी में रहने वाले 38 साल के शफी मोहम्मद पुत्र फरीद खान छीपा ने गुरुवार शाम करीब 4 बजे अपने घर में कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। घटना के समय परिवार के अन्य लोग भी घर में ही थे।
उन्होंने सोचा कि कमरे में सो रहे होंगे। किसी काम से परिवार के लोग कमरे में गए तो शफी फंदे पर झूलते हुए मिला। घटना को लेकर मृतक के भाई मोहम्मद हुसैन ने रिपोर्ट दी। जिसमें आरोप लगाया कि बार-बार बैंक वाले फोन कर शफी को परेशान कर रहे थे। जिससे हालत होकर उसने यह कदम उठाया।
सुसाइड नोट लिख तालाब में कूदा
शहर के नया हाउसिंग बोर्ड निवासी शंकरलाल (60) पुत्र आसनलाल सिंधी ने भी बैंक से लोन ले रखा था। आर्थिक् स्थिति खराब होने के चलते पिछले कुछ माह से वे किश्तें नहीं भर पा रहे थे। ऐसे में पिछले कुछ दिनों बैंक से बार-बार कॉल आने और मकान सीज करने की धमकी के चलते वे डिप्रेशन में चले थे।
ऐसे में उन्होंने गुरुवार को लाखोटिया तालाब में कूदकर जान दे दी। उनकी बॉडी तालाब के गऊ घाट के पास तैरती मिली। उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिले। जिसमें उन्होंने बैंक से बार-बार कॉल कर धमकाने से आहत होकर यह कदम उठाने की बात लिखी।