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पाली-पाल में पोक्सो कोर्ट संख्या एक के जज ने 11 माह पूराने मामले में सुनवाई की। जिसमें 9 साल की मासूम के साथ ज्यादती करने का अभियुक्त महेंद्र को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
पॉक्सो कोर्ट संख्या एक की विशिष्ठ लोक अभियोजक उपमा रावल ने बताया कि पाली जिले के जेतपुर थाने में 14 फरवरी 2024 को एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसमें बताया कि 13 फरवरी 2024 को उसकी 9 साल की बेटी रात करीब 10 बजे बंदौली देख रही थी। कुछ देर बाद वह टॉयलेट करने गली में गई। जहां उसे अकेला देख पाली जिले के वायद गांव (जेतपुर) निवासी महेन्द्र पुत्र तेजाराम ने उसके साथ ज्यादती की। इसकी जानकारी नाबालिग ने अपने परिजनों को दी। पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू की। 6 अप्रेल 2024 को आरोपी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र पेश किए। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और गवाहों के बयान सूनने के बाद 17 जनवरी 2025 को पाली के पोक्सो कोर्ट संख्या एक के जज सचिन गुप्ता ने फैसला सुनाया। जिसमें पाली जिले के वायद गांव निवासी 20 साल के महेंद्र पुत्र तेजाराम को नाबालिग के साथ ज्यादती करने का दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।