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पाली-खेत में काम करते दो जनों पर जानलेवा हमला करने के करीब 13 साल पुराने मामले में सुनवाई के बाद पाली के विशिष्ट न्यायालय अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचारण निवारण) प्रकरण के जज निहालचंद ने फैसला सुनाया। जिसमें दो आरोपियों को दोषी मानते हुए 10-10 साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई।
पाली के अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अ.नि.) प्रकरण कोर्ट के वरिष्ठ लोक अभियोजक लादूराम मेवाड़ा ने बताया कि मारवाड़ जंक्शन थाने में 29 अक्टूबर 2011 को पीड़ित पक्ष ने रिपोर्ट दी। जिसमें बताया कि वह 29 अक्टूबर 2011 को चरपटिया गांव के निकट खेत में झुंझाराम व भीमाराम अपने काश्तसुदा खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान पहले से बाड़ के पीछे धारदार हथियार लेकर छुपकर बैठे तुलसाराम, मिश्री, किशन, श्रवण आदि ने षड्यंत्र के तहत उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। जिससे दोनों गंभीर घायल हो गए। रिपोर्ट में बताया कि आरोपी उन्हें मारना चाहते थे लेकिन उनके चिल्लाने की आवाज सूनकर आस-पास के खेत से लोग आने लगे तो वे उन्हें छोड़कर भाग गए। पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू की और मामले में आरोपियों को हिरासत में लिया और कोर्ट में पेश किया।
15 अक्टूबर 2024 को विशिष्ठ न्यायालय अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचारण निवारण) प्रकरण कोर्ट पाली के जज निहालचंद ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और गवाहों के बयान सुनने के बाद फैसला सुनाया। जिसमें पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन थाने के चिरपटिया गांव निवासी 68 साल के अभियुक्त तुलछाराम पुत्र टीकमराम और 34 साल के श्रवणलाल पुत्र तुलछाराम को जानलेवा हमला करने का दोषी मानते हुए 10-10 साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा से दंडित किया।