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पाली-पाली में 11 साल की बालिका से छेड़छाड़ करने के मामले में मंगलवार को पॉक्सो कोर्ट संख्या एक के जज सचिन गुप्ता ने फैसला सुनाया। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और गवाहों के बयान सुनने के बाद कोर्ट ने हाजी मोहम्मद (43) को 11 साल की नाबालिग से छेड़छाड़ का दोषी माना और 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
पीड़ित पक्ष के वकील मुकुल सोनी ने बताया- कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने थाने में 2 मई 2024 को रिपोर्ट दर्ज करवाई। बताया कि उसकी 11 साल की बेटी शहर के एक निजी स्कूल में कक्षा 6वीं में पढ़ती है और वैन से स्कूल आती-जाती है।
रिपोर्ट में बताया कि फरवरी 2024 से 20 अप्रेल 2024 के बीच वैन के ड्राइवर पाली शहर के मंडिया रोड किसान ब्रदर्स वाली गली में रहने वाले हाजी मोहम्मद पुत्र सफी मोहम्मद उसकी नाबालिग बेटी को जबरदस्ती अगली सीट पर अपने पास बिठाता था। इस दौरान उससे छेड़छाड़ की। किसी को कुछ नहीं बताने के लिए धमकाता था। एक दिन उसकी नाबालिग बेटी ने घर पर सारी बात बताई। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्जकर आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
मामले में आज मंगलवार को पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या एक के जज सचिन गुप्ता ने फैसला सुनाया। जिसमें आरोपी हाजी मोहम्मद पुत्र सफी मोहम्मद को नाबालिग से छेड़छाड़ का दोषी मानते हुए 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।