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जालोर। जालोर में आहोर उपखंड के ओडवाड़ा गांव की ओरण भूमि पर बसे परिवारों को अतिक्रमण हटाने ही होंगे। यहां 342 कब्जे हटाने के लिए जोधपुर हाईकोर्ट ने 30 जुलाई को सुनवाई की थी। कोर्ट ने 3 महीने में सभी अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया।
बता दें कि आहोर के ओडवाड़ा गांव में करीब 2 साल पहले 2 भाई बाबूसिंह व मूलसिंह राजपुरोहित के प्रॉपर्टी बटवारे का विवाद कोट तक पहुंच गया। जिस पर पता चला कि यह भूखंड ओरण भूमि में हैं। जिस पर कोर्ट के आदेश पर 342 कब्जों को चिह्नित किया गया था।
इसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई थी। प्रशासन ने 5 जनवरी 2022 को 21 कब्जे हटाए। फिर करीब 1 साल बाद 10 जनवरी 2023 को 46 कब्जे हटाए। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर फिर 15 मई तक चिह्नित
कर 16 मई 2024 को कार्यवाही कर 70 कब्जे हटाए थे।
मौके पर अभी भी 205 कब्जे हैं। जिनको कोर्ट ने हटाने के आदेश जारी किए हैं। वहीं जिनके पास वैध दस्तावेज हैं उनकी जांच की जाएगी।
17 मई को प्रशासन की कार्यवाही पर स्टे ऑर्डर
16 मई को कार्यवाही के बाद 17 मई को हाई कोर्ट के अधिवक्ता श्याम पालीवाल के द्वारा स्टे लिया गया था। जिसके बाद कोर्ट 15 जुलाई को कोर्ट ने फिर सुनवाई करते हुए। जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं उन्हें हटाने के आदेश दिए थे।
अब फिर जोधपुर हाई कोर्ट के जस्टिस मदन गोपाल व्यास व मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव की खंडपीठ ने 30 जुलाई को सुनवाई करते हुए 342 अतिक्रमण को 3 महीने में हटाने का आदेश दिए हैं।