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नाना। जैविक तरीके से अश्वगंधा की खेती के उपयोग फायदे बताये
नाना। जैविक तरीके से अश्वगंधा की खेती के उपयोग फायदे बताये
काफी समय पहले के प्रचलित चली आ रही जड़ी-बूटी अश्वगंधा की खेती जिसका विटर चेरी था द्वितीय शीलाजीत के नाम से जाना जाता है नाना के कृषक मुकेश जैन जिनको जैविक खेती में अवार्ड वर्ष 22-23 में मिल चुका है यर जैविक विधि से अश्वगंधा पिछले २ साल से लगा रहे है इन्होंने अपना श्रेय गजेन्द्र कुमार कुमावत कृषि पर्यवेक्षक नाना को दिया है साथ ही किसान अश्वगंधा की जड़ो व बीज का विपणन मध्य प्रदेश की नीमच मंडी में कर रहा है इस औषिधि की गुणवता अधिक होने के कारण आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान हो जिसका उपयोग एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्ट्रियल एंटी ओक्सीडेट में होता है यह तनाव, रक्त चाप को नियगित करता है