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श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी पर राजस्थान में नागपंचमी का लोकपर्व मनाया जाएगा। नाग पंचमी पर इस बार छह शुभ और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन नाग देवता की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक शक्ति, मनोवांछित फल व अपार धन की प्राप्ति होती है। 9 अगस्त को मनाई जाने वाली नाग पंचमी का आरभ सुबह 8.15 से होकर अगले दिन सुबह 6.09 मिनट पर समापन होगा।
नाग पंचमी कब है
उदया तिथि के अनुसार नाग पंचमी नौ अगस्त को ही मनाई जाएगी। इस दिन शिव वास योग, सिध्द योग, साध्य योग, बन व वादा, करण योग, हस्त नक्षत्र योग बन रहे हैं। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से लेकर 8.37 तक है। इस दिन बासु किए ऐरावत, मतिभ्रम, कालिया, धनंजय, तक्षक, कर्कोटस्य, धृतराष्ट्र की पूजा अर्चना करने का विधान है।
Nag Panchami Importance: नाग पंचमी का महत्व
महाभारत में राजा जनमेजय ने अपने पिता परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने के लिए नागों का नरसंहार करने के लिए यज्ञ शुरू किया था। ऋषि आस्तिक ने नागों को बचाने के लिए हस्तक्षेप किया व यज्ञ रोकने में सफल रहे।
किस राशि के जातक किस मंत्र का जाप करें
ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। जानिए किस राशि के जातक किस मंत्र का जाप करें।
मेष राशि: ॐ गिरी नम:
वृषभ राशि: ॐ भूधर नम:
मिथुन राशि: ॐ व्याल नम:
कर्क राशि: ॐ काकोदर नम:
सिंह राशि: ॐ सारंग नम:
कन्या राशि: ॐ भुजंग नम:
तुला राशि: ॐ महिधर नम:
वृश्चिक राशि: ॐ विषधर नम:
धनु राशि: ॐ अहि नम:
मकर राशि: ॐ अचल नम:
कुंभ राशि: ॐ नगपति नम:
मीन राशि: ॐ शैल नम:
इनका कहना है…
हिन्दू धर्म में सावन का महीना भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे उत्तम महीना माना गया है।
आकांक्षा बंसल, गृहणी बाड़ी
नाग पंचमी को शिवलिंग पर जल अर्पण का खासा व अहम महत्व है। इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर, मंदिर व रसोई घर के बाहर खड़िया से पुताई की जाती है व कोयले से नाग देवता का चित्र बनाने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं व परिवार के सदस्यों की पूरी साल रक्षा करते हैं।