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उदयपुर-करीब 4 साल पहले नाबालिग से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को बालिग मानते हुए सजा सुनाई। उसे 20 साल कैद की सजा दी गई, 1.40 लाख का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने आरोपी की शारीरिक व मानसिक क्षमता के बाद उसे बालिग मानते हुए केस चलाने के निर्देश दिए थे।
मामला 30 जुलाई 2020 का है। 16 साल की लड़की के ताऊ ने 31 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें बताया कि उनका छोटा भाई विदेश में रहता है, जबकि उसकी पत्नी व बच्चे उनके साथ रहते हैं। 30 जुलाई को छोटे भाई की बेटी दोपहर 3 बजे से लापता हो गई। काफी तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चला। बाद में पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस ने पीड़िता को दस्तयाब किया तो उसने बताया कि 17 साल का लड़का उसे बहलाकर ले गया और दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपी को डिटेन किया। शारीरिक व मानसिक क्षमता भी परखी गई। इसमें उसे अपराध के परिणामों को समझने में सक्षम माना गया। इसके बाद बाल न्यायालय ने उसके खिलाफ वयस्क आरोपी की तरह केस चलाने के लिए मामला पोस्को कोर्ट में भेज दिया था।
17 गवाह और 38 दस्तावेज पेश कर साबित किया दोष विशिष्ट लोक अभियोजक चेतनपुरी गोस्वामी ने 17 गवाह और 38 दस्तावेज पेश किए। जिरह सुनने के बाद पॉक्सो-1 कोर्ट के जज राम सुरेश प्रसाद ने दोष साबित मानकर अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट व अन्य धाराओं में 20 साल की कैद और 1.40 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।