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माउंट आबू-माउंट आबू में शुक्रवार को शक्ति माता मंदिर से एक विशाल आध्यात्मिक रैली निकाली गई। रैली का उद्देश्य माउंट आबू का नाम बदलकर आबूराज करने की मांग को लेकर था। राजपूत समाज के अध्यक्ष दलपत सिंह दहिया के नेतृत्व में आयोजित इस रैली में हजारों लोगों ने भाग लिया।
रैली में मातृशक्ति और बालिकाएं राजपूती परिधान में शामिल हुईं। 108 कलश यात्रा भी रैली का हिस्सा बनी। स्थानीय साधु-संतों ने भी रैली को अपना समर्थन दिया। रैली का मार्ग शक्ति माता मंदिर से शुरू होकर बस स्टैंड, रोटरी चौराहा, चाचा म्यूजियम चौराहा, अंबेडकर चौराहा, एमके चौराहा और नक्की झील होते हुए उपखंड कार्यालय तक रहा।
आध्यात्मिक रैली में सभी युवा सदस्य मौजूद सदस्य आबूराज की तख्तियां, बैनर और ध्वज को फहराते हुए शामिल रहे। रैली उपखंड कार्यालय पहुंचने पर बालिकाओं ने उपखंड अधिकारी डॉ. अंशु प्रिया का तिलक किया और दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। ज्ञापन में बताया गया कि स्कन्द पुराण में आबू पर्वत का उल्लेख आबूराज के रूप में है। यह सप्त ऋषियों की तपोस्थली रही है। यहां अर्बुदा माता मंदिर शक्ति पीठ, दत्तात्रेय मंदिर, अचलेश्वर महादेव मंदिर जैसे धार्मिक स्थल हैं। स्थानीय लोग गर्मी के मौसम में आबूराज की परिक्रमा करते हैं। आबू और आबूरोड समीप के सभी ग्रामीण आबूराज को सुबह नतमस्तक करते हैं। यह धरती 33 कोटी देवी देवताओं की पूज्य स्थली है।
कार्यक्रम में नीलकंठ अध्यक्ष शंकर सिंह, राजपूत युवा संगठन अध्यक्ष नारायण सिंह बारोड़, भृगु आश्रम सेवा समिति अध्यक्ष सोमसिंह, उपसरपंच तरुण सिंह, प्रवीण सिंह परमार, महेंद्र परमार, मंगल सिंह, हिम्मत सिंह परमार, इंदरसिंह, बाबूसिंह परमार समेत हजारों की संख्या में युवा, महिलाएं, पुरुष, बच्चे, साधु संत, ग्रामवासी समेत दूरस्थ स्थान उतरज, शेरगांव समेत ऊबेड़ागांव, फूलाबाई का खेड़ा आदि ग्रामीण स्थलों से भी ग्रामीण मौजूद रहे। रैली में 16 गांवों के निवासी और 53 संगठनों ने हिस्सा लिया।