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भीलवाड़ा-नदी में बेटे को डूबता देख एक मां ने खुद को बचाने आए गोताखोर को यह कहकर छोड़ दिया कि पहले उसे बचाए। इसके बाद वह मां और बेटा दोनों पानी के तेज बहाव में बह गए। पुलिस और गोताखोरों की टीम ने सोमवार को दोनों के शव पानी से निकाल लिए। हृदयविदारक घटनाक्रम से आस—पास के ग्रामीणों की आंखें नम हो गई। मां—बेटे की यह कहानी राजस्थान के भीलवाड़ा जिले स्थित बीगोद में हुई।
जानकारी के अनुसार नंदराय ग्राम पंचायत के बागला की झोपडिय़ा निवासी विष्णु अहीर अपनी मां जेतू देवी और मौसी गीता देवी के साथ रविवार शाम बाइक पर जा रहे थे। इसी दौरान कस्बे की बनास नदी पर बनी पुलिया पर पानी के अंदर से बाइक को निकालने लगे। पानी के तेज बहाव से बाइक अनियंत्रित हो गई और तीनों पानी के तेज बहाव में नदी में गिर गए।
गोताखोरों ने लगाई तुरंत छलांग
बाइक सहित नदी में गिरे तीनों को बचाने के लिए किनारे बैठे आबिद हुसैन और अन्य ने नदी में छलांग लगा दी। आबिद ने दोनों महिलाओं को पकड़ लिया। कुछ ही दूरी पर विष्णु डूबने लगा। उसे देखकर मां जेतू देवी चिल्लाने लगी और बेटे को बचाने के लिए मां तड़प उठी। वह बार—बार उसे छोड़ बेटे को बचाने की गुहार करने लगी। इसी दौरान गोताखोर से पकड़ छूट गई और पानी के तेज बहाव में बह गई। अन्य गोताखोरों ने गीता देवी को पानी से निकाल लिया। वहीं विष्णु का शव घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर मिला तथा मां का शव दो किलोमीटर दूर त्रिवेणी संगम के सामने मिला।
इकलौता था विष्णु
नदी में मां के साथ डूबे विष्णु परिवार में इकलौता था। परिजन ने बताया कि तीन भाइयों में 14 पुत्रियां है और एक ही पुत्र है। विष्णु के पिता का निधन कुछ वर्ष पूर्व हो गया था। परिवार का लाडला था और पांच महीने पूर्व ही विवाह हुआ था।