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रायपुर-रायपुर उपखंड के दीपावास में स्थित लुनी बांध में हाल ही में अच्छी मात्रा में पानी की आवक होने के बाद बांध की रपट पर वेग से पानी बह रहा है। सोमवार दोपहर 2:20 बजे नहर के गेट खोलकर नियम विरुद्ध पानी छोड़े जाने से किसानों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। किसानों का कहना है कि हर बांध में पानी की अच्छी आवक के बाद एक बैठक आयोजित की जाती है, जिसमें तय किया जाता है कि किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए कितना पानी दिया जाएगा। नवंबर और दिसंबर माह में ही नहरों में पानी छोड़ा जाता है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नहर की क्षमता का केवल 5 प्रतिशत पानी ही फिलहाल छोड़ा जा रहा है, जबकि नहर में पानी ऊपरी सतह तक बह रहा है। नियम विरुद्ध नहर में पानी छोड़े जाने के कारण बांध पर चल रही रपट का पानी बंद हो सकता है और नदी का बहाव भी रुक सकता है, जिससे दीपावास, कुंडाल, पाबूर, रायपुर, झूठा, बिचरडी, कुशालपुरा, चावंडिया समेत दर्जनों गांवों के किसानों को जलस्तर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
मंगलवार शाम को किसानों ने आक्रोशित होकर बुधवार को बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। भाजपा किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष कमलेश बोहरा के नेतृत्व में किसान मेला चौक में एकत्रित होकर एसडीएम रायपुर को ज्ञापन सौंपेंगे और नियम विरुद्ध नहर खोलने के मामले में जिला सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। मंगलवार को गजेन्द्र सिंह सांखला, दिनेश माली, कानाराम माली, कमलेश बोहरा, नाथूराम, प्रवीण माली समेत दर्जनों किसानों ने नहर पर पहुंचकर विरोध जताया।