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राजस्थान के कुचामन सिटी शहर के निकटवर्ती मारोठ थाना क्षेत्र के ग्राम मिंडा में लगभग आठ महीने पहले हुए चर्चित श्यामसुन्दर हत्याकांड में कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है। अपर सेशन न्यायाधीश सुन्दर लाल खारोल ने आरोपी प्रकाश उर्फ पीके और विनोद उर्फ पांग्या को आजीवन कारावास एवं प्रत्येक पर तीन-तीन लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। दंड की राशि अदा नहीं करने पर दोनों को दो-दो वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगाअपर लोक अभियोजक मनीष शर्मा ने बताया कि 11 दिसंबर 2024 को मारोठ थाने में मुकेश कुमार ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसका रिश्तेदार श्यामसुन्दर, जो मिंडा गांव में ही रहता था। उसे आरोपी प्रकाश उर्फ पीके और विनोद उर्फ पांग्या अपने साथ ले गए थे।अगले दिन गांव के निकट गढ़ के पास उसका शव मिला उसकी बेरहमी से हत्या की गई थी। पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिज किया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 22 गवाहों के बयान करवाए गए और 87 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए। मृतक पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रेमसिंह बीका ने पैरवी की।
विश्वासघात के चलते हत्या
जांच में सामने आया कि मृतक और दोनों आरोपी एक साथ कैटरिंग का कार्य करते थे। इसी विश्वास का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने उसे घर से बुलाया, सुनसान स्थान पर ले जाकर हत्या कर दी। मृतक के अंगों को क्षत-विक्षत कर दिया था। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए कठोर सजा सुनाई।
