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कोटा के आरकेपुरम थाना पुलिस ने 48 घंटे में 7 नवंबर को हुई मां-बेटी की हत्या का खुलासा कर दिया। हत्या का मुख्य आरोपी मृतका ज्योति का दूर का मामा प्रदीप वैष्णव है। पुलिस ने आरोपी प्रदीप और उसके साथी भरत को गिरफ्तार कर लिया। वहीं तीसरा आरोपी राजू उर्फ मामू फरार है।
पुलिस के अनुसार ज्योति और प्रदीप के बीच पैसों को लेकर विवाद था। प्रदीप ने ज्योति को 60 हजार रुपए उधार दिए थे जिनकी वापसी नहीं हो रही थी। इस पर गुस्से में आकर प्रदीप और उसके दोस्तों ने मिलकर ज्योति और उसकी 8 साल की बेटी पलक की हत्या की योजना बनाई।घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने 16 टीमों को गठित कर छानबीन शुरू की साथ ही मामले की जांच में सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्य जुटाए जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया।
पहले चाय पी फिर कर दी हत्या
आरकेपुरम थाना क्षेत्र के रोजड़ी इलाके में महिला की हत्या के मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस उपाधीक्षक मनीष शर्मा ने पत्रिका को बताया कि हत्या का कारण दो माह पुराना पैसों का विवाद था। मृतका ने अपने दूर के रिश्तेदार प्रदीप वैष्णव से करीब 60 हजार रुपए उधार लिए थे, जिन्हें लौटाने का वादा किया गया था, लेकिन बार-बार मांगने के बाद भी पैसे नहीं लौटाए गए। इसी बात पर दोनों के बीच विवाद चल रहा था।
डीएसपी ने बताया कि वारदात से एक दिन पहले प्रदीप अपने दो साथियों भरत सहरिया और राजू उर्फ मामू के साथ रायपुरा में ठहरा था। उसने मृतका के पति भगवान वैष्णव की दिनचर्या और घर पर मौजूदगी की जानकारी जुटाई और फिर तीनों ने महिला की हत्या की योजना बनाई। घटना वाले दिन तीनों आरोपी बाइक से रोजड़ी पहुंचे। घर पहुंचकर मृतका से चाय पी और प्रदीप ने रुपए मांगे।जब उसने फिर टालमटोल की तो गुस्से में आकर तीनों ने हत्या की योजना को अंजाम दिया। योजना के मुताबिक भरत को बाहर निगरानी के लिए छोड़ा गया जबकि प्रदीप और राजू घर के अंदर गए और मौका मिलते ही महिला की हत्या कर दी। इसके बाद सभी आरोपी बाइक से फरार हो गए।
डीएसपी शर्मा ने बताया कि शुरुआत में यह मामला ब्लाइंड मर्डर लग रहा था लेकिन जब पुलिस ने परिजनों और रिश्तेदारों से पूछताछ की तथा सीडीआर और सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो प्रदीप की वारदात में संलिप्तता सामने आई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया जबकि तीसरा आरोपी मुकदरा के जंगलों में फरार है, जिसकी तलाश जारी है।पहले प्रयास में पति था इसलिए नहीं मार पाए
सीआइ महेन्द्र मारू के अनुसार आरोपी प्रदीप ने बताया कि वे 6 नवम्बर को भी ज्योति के घर पहुंचे थे लेकिन ज्योति के पति के मौजूद रहने के कारण वारदात का मौका नहीं मिला। अगले दिन 7 नवम्बर की दोपहर जब भगवान वैष्णव ड्यूटी पर चला गया तब आरोपी घर पहुंचे। यहां पर इन्होंने पहले मृतका के साथ बैठकर चाय पी। इसके बाद ज्योति को रसोई में अकेला पाकर चुन्नी से गला दबा दिया। तभी स्कूल से लौटी बेटी पलक ने मां को रसोई में पड़ा देखा तो चिल्लाने का प्रयास किया। इस पर हत्यारों ने बेटी पलक की भी गला दबाकर हत्या कर दी।बिना
मां के कैसे पालूं डेढ़ साल का बच्चा…?: पिता
मृतका के पति भगवान वैष्णव ने कहा कि आरोपी प्रदीप उनका दूर का रिश्तेदार है और वह झालावाड़ जिले के खानपुर के सोजपुर गांव का रहने वाला है। भगवान ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि प्रदीप के पास कोटा से गांव आने-जाने का किराया तक नहीं होता। ऐसे में वह 60 हजार रुपए कैसे उधार दे सकता था। वास्तव में कोई पैसे का विवाद था तो ज्योति मुझे जरूर बताती और वे पूरी राशि वापस कर देते। भगवान वैष्णव ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने तो पूरा परिवार खो दिया। अब डेढ़ साल के बच्चे को उसकी मां के बिना मैं कैसे पालूं।
