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कोलीवाड़ा ( सुमेरपुर )
अयोध्या के संत कौशिकचैतन्य महाराज कौशिक चैतन्य ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति में मानव व वृक्षों के बीच सदैव आत्मीय संबंध रहा है । आज भी भारत में वृक्षों को पूजनीय मानकर पूजा की जाती है । आज मानव व वृक्षों के बीच आत्मीय संबंधों को पुनर्जीवित किये जाने की आवश्यकता है ।
कौशिक चैतन्य सुमेरपुर के पास कोलीवाड़ा में आस्था परिवार के विजय अक्षरवन में पंचवटी वाटिका वृक्षारोपण अभियान के तहत हरसिंगार (पारिजात) व कचनार वृक्ष रोपित कर यह विचार व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि भारत में आज भी महिलाएं कल्पवृक्ष, कदम ,आंवला ,नीम, पीपल आदि की पूजा कर वृक्षों की महिमा को दर्शाती है । उन्होंने आमजन से प्रकृति के सौंदर्य को बढ़ावा देने के लिए हर व्यक्ति को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का आह्वान किया ।
हनुमानगढ़ी अयोध्या के 13वर्षीय महंत बाल योगी सूरजदास ने वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ वृक्षारोपण की महिमा को रेखांकित किया । दीदी देव कृष्णा गॉड ने आस्था परिवार द्वारा वृक्षारोपण अभियान की सराहना करते हुए आमजन को अभियान से जुड़ने का आह्वान किया ।
पर्यावरण प्रेमी व सामाजिक कार्यकर्ता भरत शर्मा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दौर में हर इंसान को वृक्ष लगाकर धरती मां को स्वर्ग बनाने का संकल्प लेना चाहिए ।आस्था वैदिक संस्थान के प्रवक्ता घनश्याम लोहार ने बताया कि राजस्थान में आस्था वैदिक संस्थान की ओर से 108 पंचवटी वाटिका लगाने का लक्ष्य रखा गया है ।
पतंजलि युवा भारत के प्रदेश प्रभारी नरेंद्र आस्था व निदेशक कमलेश आस्था ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए देव दरबार आस्था की पूजा पद्धति से निर्मित सामग्री के बारे में जानकारी दी । आगंतुकों ने पूजा पद्धति से निर्मित आस्था के समस्त सामग्री (प्रोडक्ट) का अवलोकन कर सराहना की ।
कार्यक्रम में घीसुलाल परिहार, जगदीश एस .सुथार गोपाल कुमावत, चिमनाराम,जसोदा कंवर, खुशी देवासी, कोमल आस्था, जीत आस्था, जगदीश के.सुथार आदि उपस्थित रहे ।