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करौली-भारी बारिश के कारण पांचना बांध ओवरफ्लो हो रहा है। एक अगस्त को बांध के 3 गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू की गई थी। जलस्तर और बढ़ा तो 6 गेट खोलकर गंभीर नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। यह पानी भरतपुर जिले तक पहुंच चुका है। तीन साल बाद बांध के 6 गेट खोले गए हैं। यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा बांध है, जो पूरा भरने के बावजूद नहरों में पानी नहीं छोड़ा जाता है।
पांचना बांध करौली जिला मुख्यालय से करीब 9 किलोमीटर दूर गुडला के समीप है। जल संसाधन विभाग के एसईएन सुनील कुमार गुप्ता बताते हैं- इस बांध का निर्माण मांड क्षेत्र में सिंचाई के लिए किया गया था। 1978 में भद्रावती, भैंसावट, बरखेड़ा, मांच, अटा सहित पांच नदियों को मिलाकर गुडला के पास डैम का निर्माण शुरू हुआ था। सबसे पहले इस बांध का निर्माण मिट्टी की पाल (दीवार/बांध) बनाकर किया गया। बाद में इस बांध को पक्का बनाया गया।
2006 के बाद से बांध का पानी नहर में नहीं छोड़ा बांध पर पानी निकासी के लिए 7 गेट बनाए गए हैं। बांध का निर्माण 2005 में पूरा हुआ था। तब से लेकर आज तक सिर्फ एक बार नहर में पानी छोड़ा गया है। बांध से 2006 से सिंचाई के लिए नहरों में पानी की निकासी नहीं हो सकी है। बांध से नहरों में पानी छोड़ने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा विरोध दर्ज कराने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया और पानी की निकासी नहीं हो सकी। बांध के ओवरफ्लो होने और श्रीमहावीरजी मेले के लिए गंभीर नदी में समय-समय पर पानी छोड़ा जाता है।
3 से 6 गेट खोलकर छोड़ रहे पानी
क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते पांचना बांध
लगातार ओवरफ्लो हो रहा है। इस मानसून सत्र में पहली बार 1 अगस्त को पांचना बांध के 3 गेट खोल कर पानी की निकासी शुरू की गई थी। पांच दिन बाद 5 अगस्त को गेट बंद किए गए थे। इसके बाद अच्छी बारिश के कारण दूसरी बार 8 अगस्त को बांध के तीन गेट खोले गए। क्षेत्र में मूसलाधार बारिश और बांध में पानी की भारी मात्रा में आवक के कारण 11 अगस्त को बांध के 6 गेट खोलकर अधिकतम 35 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। अभी बांध के 3 गेट खुले हुए हैं। पांचना बांध से गंभीर नदी में छोड़ा गया पानी भरतपुर जिले तक पहुंच चुका है। बांध पर पानी निकासी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
2016 में खोले थे सभी 7 गेट
2016 में बांध के सभी सातों गेट खोलकर पानी छोड़ा गया था। इसके बाद 2021 में अधिक पानी की आवक के चलते छह गेट खोलकर पानी की निकासी की गई। 2021 में अधिकतम 6 बार पांचना बांध के गेट खोले गए थे। पांचना बांध से नहरों के माध्यम से करीब 35 गांवों की 10 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए इसका निर्माण हुआ था।