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पिन्टू अग्रवाल
जसोल-पांव में छाले, हाथों में ध्वज पताकाएं व पैदल चलते मोतियों वाली मां के जयकारों के साथ भोर की पहली किरण के साथ एक पलक माजीसा को निहारने व अपनी आस्था का पुष्प चढ़ाने को लेकर हजारों श्रद्धालु आतुर दिखे। लूणी नदी किनारे स्थित जसोल धाम में भाद्रपद त्रयोदशी पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। प्रातः कालीन मंगला आरती के लिए मंदिर के पट खुले तो कतारों में खड़े हजारों श्रद्धालु उत्साह से सरोबार नजर आए। त्रयोदशी पर श्रद्धालुओं ने आस्था की नगरी जसोल धाम में जगत जननी माता राणीसा भटियाणीसा के दर्शन पूजन किए। श्रद्धालुओं ने राणीसा भटियाणीसा, रावल कल्याणसिंहजी, बायोसा, की सवाईसिंहजी, लाल बनासा,
खेतलाजी व भेरुजी के मंदिरों में दर्शन पूजन कर परिवार में खुशहाली की कामनाएं की
श्रद्धालुओं के उमड़ने पर मंदिर मुख्य द्वार व प्रवेश मार्ग तक लंबी कतारें नजर आई। घंटों प्रतीक्षा बाद आई बारी पर श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन-पूजन कर व प्रसाद चढ़ाया। बालोतरा व आसपास के गया। गांवों सहित देश एवं प्रदेश से हजारों श्रद्धालु पैदल जत्थों के रूप में माजीसा के जयकारे लगाते, भजन गाते व नृत्य करते मंदिर पहुंचे। नवविवाहित दंपतियों ने सुखी दांपत्य जीवन की कामना की। वहीं नवजातों के झडूले उतारकर स्वस्थ व समृद्ध जीवन की प्रार्थना की। देर शाम तक करीब सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में मत्था टेक खुशहाल जीवन की मन्नतें मांगीं
देश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं ने पूर्व रात्रि जसोल धाम क में राती जोगा दिया। लोक गायक पीसा जसु खान ने मां का भजनों से गुणगान किया। साथ ही महेशाराम प सा, एंड पार्टी की ओर से भी जसोल मां सा, की महिमा का गुणगान किया गया। श्रद्धालु भी ज्योत जलाकर भक्ति में सरोबार नजर आए। सेवा लाभ देने को लेकर छप्पन भोग लगाने की पहल की गई। छप्पन भोग लगाने का लाभ चामुंडेरी पाली निवासी रुक्मण बाइसा पत्नी विक्रमसिंह राव, उनकी पुत्रियों प्रियंका कंवर म पृथ्वीराजसिंह पोसालिया व निवेदिता कंवर, सोहनसिंह राव । भीनमाल व दोहिते रुद्राक्ष जागीरदार राव परिवार चामुंडेरी ने लिया। इन्होंने अब तक 118 बार चामुंडेरी से माजीसा के दर्शनों को लेकर जसोल धाम की पैदल यात्रा की