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जोधपुर-मादक पदार्थों की तस्करी के राजस्थान का सबसे बड़े वांछितों में से एक किंगपिन गोवर्धनराम को पुलिस की साइक्लोनर टीम आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। मारवाड़ में बड़े तस्करों में शुमार
गोरधनराम पर राजस्थान पुलिस मुख्यालय की ओर से एक लाख रुपए का ईनाम घोषित था।
जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम की धुंआधार कार्रवाइयों का कहर लगातार अपराधियों की कमरतोड़ रहा हैं। जोधपुर रेंज पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि साइक्लोनर टीम ने लगातार कहर बरपाते हुए मादक द्रव्यों के धन्धे को निर्मूल करने की दिशा में काम करते हुए इस कारोबार के एक मुख्य सूत्रधार गोरधनराम को बड़े ही खतरनाक व दुस्साहसी ऑपरेशन में आज सुबह तड़के गिरफ्तार करने में सफलता पाई हैं। गिरफ्तार गोरधनराम (32) पुत्र डूंगररामनिवासी भुरटिया, पुलिस थाना नागाणा, जिला बाडमेर हैं। गोरधनराम की गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपऽ का ईनाम पुलिस मुख्यालय की ओर से घोषित हैं।
गोरधनराम को पकड़ने के लिए जैसलमेर के फलसूंड में एक शादी समारोह समारोह में कैटरर्स के साथ हेल्पर के रूप में साइक्लोनर टीम के मेंबर भी थे। उन्होंने समारोह में गोरधन की तस्वीर भी ले ली पर टीम के आने से पहले गोरधन निकल गया। साइक्लोनर टीम ने धैर्य रखा। गोरधन का पहले फेरे की रस्म वापसी पर फिर से आना संभावित थ। कैटरर्स के साथ के सहयोगी उक्त समारोह में मदद के बहाने से रुके रहे।
चालाक गोरधन ने अपनी स्कॉर्पियों तो भाई को दे दी एवं खुद सतर्क रहकर साले की कैम्पर से पीछे से आया। गोरधन ने कैम्पर में ही बिस्तर लगाकर सोने की व्यवस्था कर रखी थी, जो टीम की निगाह में आ गयी। सतर्कता बरतते हुए गोरधन ने पूरी रात फ्लड लाईट जलवाकर रखी कि कोई भी दूर से आता दिख सके। रातभर समारोह मनाने के बाद तड़के सुबह सोने गया गोरधन तो मोर की पहली किरण के साथ ही फ्लड लाईट भी ऑफ कर दी गयी। केटरर बने साथियों से इशारा मिलते ही एक किमी पैदल भागी साइक्लोनर टीम और बाज तरह की झपट कर सीधे कैम्पर में सोये गोरधन को दबोच लिया
मंगलवार का गजब का शगुन
गोरधनराम को किसी ज्योतिषी ने बता रखा था कि मंगलवार को उसका कोई भी दुश्मन बाल बांका नहीं कर सकता। इसी को आधार बनाकर गोरधनराम प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार को ही मध्यप्रदेश से माल लेकर निकलता तथा कभी भी पकड़ा नहीं गया।
घर के सारे समारोह यहां तक कि फुफेरे भाई की परसों की शादी भी गोरधन राम ने मंगलवार को ही रखवायी। गोरधन मारवाड़ इलाके में तो रहता ही था, सगे संबंधी के घरों पर होने वाले समारोह में भी उपस्थित होने से नहीं चूकता था। हर समारोह में उपस्थित होता बला की तरह, रस्म निभाता ओर किसी छलावे की तरह गायब हो जाता, पर पिस्टल सदा साथ रहती। गोरधनराम अपनी पिस्टल पर खुद से ज्यादा भरोसा करता था । वह 9 एमएम की विदेशी पिस्टल और दो भरे हुए मैगजीन सदा साथ रखा था ।
साइक्लोनर सैल ने पूर्व में दो बार ऐसे समारोहों में दबिश दी थी पर असफलता ही हाथ लगी। एक समारोह में कुछ मिनट पहले निकल गया तो दूसरे में घर में न सोकर बाहर वाहन में सोने के चलते बच निकला। दोनों ही दिन मंगलवार होने का कारण भी उसके पक्ष में रहा। इन असफलताओं से सीख लेकर साइक्लोनर सैल को गोरधन की पूरी कार्यप्रणाली का अंदाजा लग गया।
आखिरकार, लगातार प्रयास करने पर पिता के धर्म बहन के बेटे की शादी की सारी व्यवस्था गोरधन ने ही की है, यह खबर साइक्लोनर टीम तक पहुंच गयी। लेकिन 3 जून को फलसूंड इलाके में बारात लेकर फुफेरे भाई को लेकर आया गोरधन पर साइक्लोनर सैल की कार्रवाई से पूर्व ही चलता बना। लेकिन अगले दिन वापस आया तो धरा गया।
चन्द्रशेखर आजाद का फैन गोरधन, पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ने की खाई थी कसम
बचपन से ही गोरधनराम क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद का बडा फैन था तथा उसने सदा आजाद रहने की कसम खायी थी। जो गुरू खरताराम की मौत के बाद अत्यन्त मजबूत हो गयी। गोरधनराम ने कसम खायी थी कि वह कभी भी पुलिस के हत्थे नहीं चढेगा तथा पुलिस अगर उसे घेर भी ले तो वह कई पुलिस वालों को मारकर स्वयं मर जायेगा पर जिन्दा नहीं पकडा जायेगा। इसी कसम को निभाते हुए गोरधनराम की तीन बार पुलिस से मुठभेड हुई पर तीनों ही बार पुलिस पर फायरिंग कर बच निकलने मे कामयाब हो गया था।
वर्ष 2020 में सिणधरी में पुलिस पर फायरिंग कर बच निकला। 2023 में पचपदरा पुलिस पर फायरिंग कर निकल भागा तो दिसम्बर 2024 में पाली सदर में साइक्लोनर सैल से मुठभेड और फायरिंग में निकल गया था गोरधन।
कई मुकदमे हैं दर्ज
पिछले चार वर्षों से फरार चल रहे अन्तरराज्यीय कुख्यात तस्कर गोरधनराम पर दर्ज प्रकरणों की संख्या दो अंको में अभी तक पता चली हैं। फिलहाल मध्यप्रदेश व गुजरात में दर्ज प्रकरणों की सूची मंगवाई जा रही है। अपने 12 वर्षों के आपराधिक इतिहास में गोरधनराम पर मादक द्रव्यों की तस्करी, हत्या का प्रयास, मारपीट, वाहन चोरी, आगजनी, आर्म्स एक्ट इत्यादि के कई सारे मुकदमे दर्ज हैं। शुरुआती प्रकरण में दो-तीन बार जेल की हवा खा चुकने के बाद गोरधनराम फिर कभी भी पुलिस की गिरफ्तारी में नहीं आया।
गोरधनराम का बड़ा भाई दिनेश भी कुख्यात तस्कर रह चुका है जो मादक द्रव्यों की तस्करी के प्रकरणों में पांच बार जेल की हवा खा चुकने के बाद आजकल मध्यप्रदेश के जबलपुर में सड़क निर्माण का ठेकेदार बन बैठा है। दिनेश का बाडमेर के बलदेव नगर आलीशान रिहायशी मकान भी हैं। गोरधन बचपन से ही बड़े भाई दिनेश की तस्करी के धंधे में बहुत रूचि लेता रहा।
पढ़ाई में आठवीं फेल, तस्करी में टॉपर
आठवी में फेल होकर अपराध की दुनिया में प्रवेश किया। शुरूआती प्रकरणों में हीं वाहन जलाने, पुलिस कस्टडी से हत्या के आरोपी को छुडाकर भगाने तथा सटीक निशाने के साथ फायरिंग मामले सामने आए। शीघ्र ही गोरधन पर मारवाड के तस्करी के तत्कालीन दोनों मुख्य सूत्रधार विरधाराम सियोल एवं खरताराम गोदारा की निगाह पड़ी। विडम्बना यह कि अल्प समय में ही गोरधन दोनों की आंख की पुतली बन बैठा ।
इसके बाद शुरू हुआ मध्यप्रदेश, राजस्थान सीमा से वाहन में भर भर कर डोडा चूरा राजस्थान व गुजरात में आपूर्ति करने का सिलसिला जो एक दशक तक फलता फूलता रहा। वर्ष 2018 में पाली में पुलिस से घिर जाने के बाद खरताराम गोदारा फायरिंग में मारा गया तो तो दूसरा गुरू विरधाराम सियोल इसी वर्ष सडक दुर्घटना में काल कलवित हो गया। उसके बाद तो गोरधनराम नशे की दुनिया का स्वयंभू सरताज बन बैठा।


