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जोधपुर-जोधपुर में गुरुवार को जैन समाज ने मुंबई के विले पार्ले ईस्ट में स्थित 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को तोड़े जाने के विरोध में एक अनूठा प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट के बाहर महावीर उद्यान में आयोजित इस मौन धरने में समाज के लोगों ने बिना किसी नारेबाजी या भाषण के केवल नवकार महामंत्र का पाठ किया। इस दौरान पहलगाम आतंकी घटना में दिवंगत हुई आत्माओं को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
ऑल इंडिया जैन माइनॉरिटी फेडरेशन जोधपुर के अध्यक्ष उम्मेदराज जैन ने बताया कि मुंबई में प्राचीन जैन मंदिर को महानगर पालिका द्वारा अवैध रूप से ध्वस्त किए जाने से संपूर्ण जैन समाज में आक्रोश है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी और महासचिव संदीप भंडारी के आह्वान पर देशभर में सकल जैन समाज द्वारा शांतिपूर्ण आंदोलन के रूप में धरना दिया गया
फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि मुंबई में बीएमसी द्वारा मंदिर विध्वंस, मध्यप्रदेश के नीमच में जैन साधुओं पर जानलेवा हमला और सम्मेद शिखरजी, शत्रुंजय पालिताना, गिरनार, राणकपुर जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों पर अतिक्रमण की घटनाओं से समस्त जैन समाज आहत है। इन्हीं घटनाओं के विरोध में जोधपुर का जैन समाज एकजुट हुआ।
समग्र जैन समाज संस्था के प्रतिनिधियों ने कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं, जिनमें जैन साधुओं पर हमले के दोषियों को सख्त सजा, मुंबई में मंदिर विध्वंस के जिम्मेदार अधिकारियों की बर्खास्तगी, मंदिर का पुनर्निर्माण, साधु-साध्वियों की सुरक्षा और तीर्थ क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने की मांग प्रमुख हैं। इन मांगों को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया।
पूर्व पार्षद प्रदीप गांग और वर्तमान पार्षद मनीष लोढ़ा ने बताया कि जोधपुर की समस्त जैन संस्थाओं, संघों और स्वधर्मीजनों ने बड़ी संख्या में इस मौन विरोध में भाग लिया, जो धार्मिक सहिष्णुता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह अहिंसक प्रदर्शन सुबह 9:30 से 11:00 बजे तक चला, जिसमें जैन समाज ने अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रखा।