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जोधपुर-जोधपुर में एसीबी की टीम की ओर से लूणी थाने में कार्रवाई करते हुए अनुसंधान के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप में एक कॉन्स्टेबल को ट्रैप किया गया। पूछताछ में सामने आया कि कॉन्स्टेबल ने हैड कॉन्स्टेबल के लिए रिश्वत की राशि ली थी। इधर, कार्रवाई की सूचना मिलने के बाद हैड कॉन्स्टेबल फरार हो गया। एसीबी ने मांग सत्यापन में हैड कॉन्स्टेबल की भूमिका आने के बाद उसे पकड़ने के लिए टीमें रवाना की हैं।
जानकारी के अनुसार, लूणी थाने में जून माह में दर्ज मारपीट के मामले में लेकर हैड कॉन्स्टेबल की और से कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इसके लिए हैड कॉन्स्टेबल शंभू सिंह ने 10,000 की रिश्वत राशि की मांग की थी। इसको लेकर पूर्व में परिवादी के पिता 3,000 रुपए भी दिए थे, लेकिन हैड कॉन्स्टेबल ने जांच शुरू नहीं की। इसको लेकर जब परिवादी ने हैड कॉन्स्टेबल से संपर्क किया तो उसने कहा कि पूरे पैसे देने पड़ेंगे। इस पर परेशान होकर परिवादी ने ACB कार्यालय में शिकायत दी।
कॉन्स्टेबल को रुपए देने को कहा
ACB की ओर से शिकायत का सत्यापन किया गया। बाद में जब परिवादी बकाया रुपए लेकर थाने पहुंचा और उसने हैड कॉन्स्टेबल को फोन किया तो उसने बताया कि यह राशि कॉन्स्टेबल मुन्ना राम को पकड़ा दें। इस पर जैसे ही परिवादी ने तीन हजार रुपए दिए। ACB टीम ने उसे पकड़ लिया। ACB के एएसपी चक्रवर्ती सिंह ने बताया कि परिवादी ने कल कार्यालय में शिकायत दी थी। बताया कि उसके पिता और उसके भाई और उसके खुद के साथ हुई मारपीट के मामले में लूणी थाने में मामला दर्ज करवाया गया था। यह मामला जून में दर्ज करवाया गया। जिसमें जांच अधिकारी शंभू सिंह था।
कार्रवाई नहीं कर रहा था कॉन्स्टेबल
वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था। कार्रवाई के लिए बार-बार चक्कर भी काटने पड़ रहे थे। मुकदमे में कार्रवाई करने के नाम पर शंभू सिंह ने 10000 रुपए की डिमांड की थी। कुछ समय पूर्व भी कार्रवाई के नाम पर शंभू सिंह उसके पिता से 3000 रुपए लेकर गया था। 2 दिन पहले ही हेड कॉन्स्टेबल शंभू सिंह ने परिवादी को थाने बुलाकर कहा कि वह पूरे पैसे देगा तो ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में परेशान होकर परिवादी ने एसीबी कार्यालय में संपर्क किया। इस पर टीम ने मांग का सत्यापन किया। जिसमें हैड कॉन्स्टेबल ने 5000 की मांग की। इस दौरान उसके साथ कॉन्स्टेबल मुन्नाराम भी बैठा था। उसने परिवादी को कहा कि यदि मैं नहीं मिलूं तो यह पैसे मन्नाराम को दे देना और फोन मत करना।
आज निरीक्षक सुनीता डूडी के नेतृत्व में कार्रवाई की। जिसमें मुन्नाराम पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। एसीबी के सत्यापन में यह रिश्वत की राशि हेड कॉन्स्टेबल शंभू सिंह के लिए लेना पाया गया। इस पर उसे पकड़ने के लिए एसीबी की टीम रवाना की गई।