
PALI SIROHI ONLINE
जोधपुर-जोधपुर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक पाल बालाजी मंदिर, जहां 180 साल पहले दक्षिण मुखी हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना की गई। हनुमानजी के जन्मोत्सव के अवसर पर दर्शन करना श्रद्धालु अपना सौभाग्य मानते हैं। वैसे तो हर मंगलवार और शनिवार को यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं, लेकिन हनुमान जन्मोत्सव के चलते आज यहां रोजाना आने वाले श्रद्धालुओं के कई गुना पहुंचे हैं।
मंदिर के महंत रामेश्वरदास वैष्णव ने बताया- पाल बालाजी मंदिर जोधपुर ही नहीं देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। हनुमान जन्मोत्सव पर इस बार 50 से अधिक सवा मणि का भोग लगाया जा रहा है और शाम तक यह आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है। गर्मी के मौसम को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिसर में छाया-पानी का इंतजाम किया गया है और आने वाले श्रद्धालु महाप्रसादी भी ग्रहण कर रहे हैं। मंदिर में फूलमंडली सजाई गई है और सुबह सुंदरकांड का पाठ किया गया। दोपहर बाद यहां सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।
महंत वैष्णव बताया कि इस पुराने मंदिर की शुरुआत उनके पूर्वज महंत कुशालदासजी ने की थी। उनके बाद महंत रामनारायणजी, महंत देवादास, महंत चुन्नीलालजी और वर्तमान में पांचवीं पीढ़ी के रूप में से स्वयं तथा छठी पीढ़ी में पुजारी किशन वैष्णव सेवा कर रहे हैं।
मंदिर के पुजारी किशन वैष्णव ने बताया पाल गांव में स्थित हनुमान मंदिर, जिसे पूरे देश में पाल बालाजी मंदिर से जाना जाता है। लाखों श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना लेकर आते हैं। मान्यता है कि विधि-विधान से पूजा कर मन्नत मांगने वालों की पुकार बालाजी महाराज अवश्य पूरी करते हैं।
बालोतरा हाई-वे पर है पाल बालाजी मंदिर धाम
जोधपुर शहर से पाल बालाजी मंदिर की दूरी तकरीबन 8 किमी है, जो मुख्य जोधपुर-बालोतरा हाई-वे पर स्थित है। यहां बालाजी महाराज की 4’3″ फीट की दक्षिण मुखी मूर्ति साल 1898 के आसपास स्थापित की गई थी। यहां श्रद्धालुओं के लिए सवा मणि की प्रसादी कराने के लिए भी मंदिर प्रबंधन की ओर से तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।


