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जोधपुर-जोधपुर की ACB कोर्ट ने ज्वैलर्स का इनकम टैक्स सर्वे नहीं करने की एवज में रिश्वत लेने के आरोपी रिटायर आयकर अधिकारी सहित एक अन्य को 3 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। मामले में कुल 4 आरोपी थे। दो को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। वहीं 2 अन्य को दोषी करार किया गया है।
3 साल की सुजा सुनाई
ACB के एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट संख्या 2 में केस चला। यहां पीठासीन अधिकारी मधुसूदन मिश्रा ने फैसला सुनाया। रिटायर आयकर अधिकारी राजेंद्र सिंह सिसोदिया को 3 साल के कठोर कारावास और एक लाख रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। वहीं एक अन्य आरोपी प्रकाशचंद्र को 3 साल का कठोर कारावास और 10 हजार का जुर्माना लगाया गया। मामले में दीपेंद्र और विजय सोनी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। इस केस में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के सहायक निदेशक अभियोजन के दिनेश तिवारी ने पैरवी की।
1 लाख 21 हजार रुपए में हुई थी डील
ACB के सहायक निदेशक अभियोजन दिनेश तिवाड़ी ने बताया- घोड़ों का चौक स्थित सुदर्शन ज्वैलर्स के मालिक ओमप्रकाश सोनी, मानकचंद और घनश्याम सोनी ने ACB में 31 मार्च 2010 में तत्कालीन इनकम टैक्स इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह सिसोदिया के खिलाफ शिकायत दी थी। सिसोदिया वर्तमान में रिटायर हो चुके है। शिकायत में बताया था- जोधपुर के तत्कालीन आयकर अधिकारी राजेंद्र सिंह सिसोदिया ने उनकी दुकान का आयकर सर्वे नहीं करने की एवज में 2 लाख की रिश्वत मांगी थी। 1 लाख 21 हजार रुपए में डील तय हुई थी। शिकायत के अगले दिन (1 अप्रैल 2010) को घोड़ों का चौक में अशोका ज्वेलर्स में विजय सोनी को रुपए दिए गए। विजय के पास प्रकाश सोनी पैसे लेने पहुंचा।
रुपए लेते ही ACB ने पकड़ा
प्रकाश के यहां राजेंद्र सिसोदिया ने अपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सहायक कर्मचारी बंटी उर्फ दीपेंद्र को भेजा। दीपेंद्र ने जैसे ही पैसे लिए ACB ने तीनों को पकड़ लिया। इसके बाद ACB तीनों को पकड़कर इनकम टैक्स ऑफिस ले गई। यहां पर दीपेंद्र ने 1 लाख 21 हजार की राशि राजेंद्र सिंह सिसोदिया को दी। उसने यह पैसे अलमारी में रखे थे। इतने में ही ACB टीम पहुंच गई और उसे पकड़ लिया। इनकम टैक्स के 100 नंबर कमरे में ही चारों के हाथ धुलवाए गए। इसके बाद ACB ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उस समय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद गांधी ट्रैप ऑफिसर थे।
2019 में किया था रिटायर
आयकर अधिकारी को केंद्र सरकार ने 2019 में रिटायर कर दिया था। जोधपुर में साल 2010 में आयकर अधिकारी टीडीएस द्वितीय के पद पर कार्यरत रहा। अब फैसले के खिलाफ सिसोदिया एक माह तक हाईकोर्ट में सजा स्थगन की अपील कर सकता है। सजा स्थगन नहीं होने की स्थिति में उसे जेल जाना पड़ेगा।