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झुंझुनूं-आर्मी के जवान ने गला घोंटकर पत्नी की हत्या कर दी। इसके बाद खुद ने फंदे से लटक कर सुसाइड कर लिया। घटना झुंझुनूं के सुलताना गांव की रविवार की है।
दोपहर करीब एक बजे किराए के घर में पति-पत्नी के शव मिले। पत्नी का शव किचन में फर्श पर पड़ा था। जबकि आर्मी का जवान फंदे से लटका हुआ था।
प्राथमिक तौर पर पुलिस गृह क्लेश का मामला मान रही है। महिला के परिजन ने सुलताना थाने में ससुराल वालों पर प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया है।
बुहाना डिप्टी एसपी नोपाराम ने बताया- रविवार दोपहर सूचना मिली कि सुलताना में एक मकान में पति-पत्नी की मौत हो गई है। एसएचओ सुलताना भजनाराम और मैं मौके पर पहुंचे। घटनास्थल का निरीक्षण किया।रसोई में फर्श पर मृत मिली पत्नी, फंदे से लटका मिला पति डिप्टी एसपी नोपाराम ने बताया झुंझुनूं के चारावास का रहने वाला राजेश कुमार (30) पुत्र रामस्वरूप सुलताना गांव के एक मकान के कमरे में प्लास्टिक की रस्सी के फंदे से लटका मिला। उसकी पत्नी मंजू (28) रसोई में मृत हालत में मिली। दोनों के शव सुलताना हॉस्पिटल की मॉर्च्यूरी में रखवाए गए हैं।
घटनास्थल की जांच से प्रारंभिक तौर पर ऐसा लगता है कि राजेश ने पहले पत्नी का गला घोंटा, इसके बाद फंदा लगाकर जान दे दी।
पुलिस के अनुसार, मंजू का सिर कई बार दीवार पर भिड़ाया गया। इसके बाद गला दबाकर उसका मर्डर कर दिया। उसके नाक, कान और सिर में गहरी चोट हैं।
घटनास्थल को सील कर दिया गया है। पुलिस और एफएसएल की टीम सबूत जुटा रही हैं। परिवार के लोगों से बात कर रहे हैं। जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि घटना की सही वजह क्या रही।
4 महीने से छुट्टी पर था राजेश
जानकारी के अनुसार, राजेश फिलहाल जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सिपाही के पद पर तैनात था। वह 4 महीने से छुट्टी पर था। तीन दिन पहले ही दोनों ने किराए पर कमरा लिया था। दोनों के बच्चे नहीं हैं।
मंजू के परिजन ने सुलताना थाने में प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया है। मंजू के ससुर, जेठ और ननद के खिलाफ मारपीट कर परेशान करने का आरोप लगाया गया है। वहीं, राजेश के परिजन की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद दोनों शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।
भाई काफी देर तक खटखटाता रहा दरवाजा
मंजू के भाई विक्रम कुमार ने बताया- मैं राजेश और मंजू के घर पर आज सुबह 8 बजे दूध देने के लिए गया था। तब दोनों ठीक थे। इसके बाद मैं सुलताना में जवान जितेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए चला गया। मेरी मां रोजाना सुबह 10:30-11 बजे के करीब बहन मंजू से मोबाइल फोन पर बात करती हैं। आज सुबह भी मां ने मंजू को कॉल किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया। कई कॉल करने के बाद भी मंजू ने फोन नहीं उठाया तो मां ने मुझे कॉल किया। मैं सुबह करीब 11 बजे दोबारा मंजू के घर पर पहुंचा।
भाई विक्रम ने बताया- वहां दरवाजे बंद थे। काफी देर खटखटाने के बाद भी कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। इसके बाद मैं मकान मालिक के पास गया। मकान मालिक ने बताया कि अंदर के एक दरवाजे की कुंदी खुल जाएगी। मैंने दरवाजा खोल कर देखा कि जीजा राजेश फंदे से लटका हुआ था।
इसके बाद मैंने सुलताना सरपंच उम्मेद को कॉल किया और बताया कि मेरे जीजा कमरे में फंदे से लटके दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने एसएचओ भजनाराम को सूचना दी। इसके बाद पुलिस पहुंची। दरवाजा खोला तो बहन मंजू भी फर्श पर मृत पड़ी मिली।
भाई का आरोप- ससुराल वाले बहन से करते थे मारपीट
विक्रम ने बताया- मंजू की शादी 21 मई 2022 को राजेश के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले मंजू के साथ मारपीट करते थे। कई बार दोनों में समझौता भी करवाया गया था।
2 महीने पहले राजेश कुमार, ससुर रामस्वरूप, ननद संजना और जेठ अजीत ने मिलकर मंजू से मारपीट की थी। मंजू ने घर से भागकर अपनी जान बचाई और 100 नंबर पर कॉल किया, जिससे गुढ़ा थाना पुलिस आई। राजेश को थाने ले गई थी। बाद में थाने में रिश्तेदारों ने दोनो पक्षों का समझौता करवाया और घर लेकर आ गए थे।
एक महीने पहले भी ससुर और ननद ने पीटा था
विक्रम ने बताया- एक महीने पहले भी बहन मंजू को ससुर और ननद ने पीटा था। उसने रात 1 बजे मुझे कॉल किया था। मेरा मोबाइल फोन बंद था। मैंने सुबह जाकर समझौता कराया था।
पुलिस के समझाने पर राजेश मंजू के साथ अलग किराए के मकान में रहने को तैयार हुआ था। आज सुबह मुझे ऐसा कुछ नहीं लगा कि इतनी बड़ी घटना हो सकती है। दोनों ठीक थे। राजेश ने मेरी बहन को मारा और फिर खुद फंदे से लटक गया।
मकान मालिक बोला- सुबह 11 बजे तक मेरे साथ था
मकान मालिक विनोद कुमार ने बताया- राजेश कुमार 3 दिन पहले ही पत्नी के साथ हमारे घर रहने आया था। राजेश आज सुबह 11 बजे तक हमारे पास ही बैठा था। तब तक सब कुछ सही था। घर के पास ही मेरी दुकान है, जिसमें मैं खेत में काम आने वाले तार के जाल बनाने की मशीन पर काम करता हूं।
सुबह करीब 11 बजे मैं अपना काम करने लगा। राजेश अपने रूम में चला गया। करीब 12:30 बजे मंजू का भाई आया। इसके बाद हमें घटना के बारे में जानकारी मिली। इस बीच मैंने किसी प्रकार का शोर-शराबा नहीं सुना था।