PALI SIROHI ONLINE
खीमाराम मेवाडा
जवाई का गेज 53 वे दिन पहुंचा 56 फीट करीब, अब दोस्ती निभाएगा सेई बांध
किसान हुए सक्रिय सिंचाई पानी बंटवारे को लेकर संभागीय आयुक्त वाली जल वितरण कमेटी की बैठक बुलाने की कर रहे तैयारी
तखतगढ 24 सितम्बर;(खीमाराम मेवाड) इस बार सितंबर के आखिरी दिन से मानसून विदाई होने की संभावना बन चुकी है। फिर भी इस बार पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े 61.25 फिट भराव क्षमता वाले जवाई बांध में मंत्थर गति से कछुआ चाल भराव क्षमा की ओर बढ़ रहा है। जवाई का गेज 53 वे दिन मंगलवार देर रात्रि को जवाई बांध का गेज 55.45 फिट पहुंच कर 56 फिट के करीब पहुंच चुका है। जो अब मात्र 5.25 फिट ही खाली है। जिस की दोस्ती अब सहायक सेई बांध निभाएगा। वही दूसरी तरफ अब सिंचाई पानी बंटवारे को लेकर किसान भी सक्रिय होने लगे है। ओर संभागीय आयुक्त वाली जल वितरण कमेटी की बैठक बुलाने की तैयारी करने मे जुट गए है।
दरअसल 31 जुलाई की रात्रि से 1 अगस्त तक मारवाड़ गोड़वाड़ क्षेत्र के सुमेरपुर बीसलपुर बाली उपखंड क्षेत्र एवं पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध तथा सहायक सेई बांध जल ग्रहण क्षेत्र में हुई मूसलाधार बरसात होने से 2 अगस्त शुक्रवार को सेई बांध का गेज 6.05 मीटर होने पर दोपहर 01:15 बजे सेई टनल का गेट खोलने की प्रक्रिया शुरू कर बांध की तरफ पानी डायवर्ट कर दिया था। उसके बाद लगातार जवाई बांध में मंथर गति से पानी की आवक जारी है।
जल संसाधन विभाग नहर खंड सुमेरपुर के सहायक अभियंता अक्षय कुमार एवं कनिष्ठ अभियंता अशोक पूनिया ने बताया कि मंगलवार सुबह 7 बजे जवाई बांध का गेज 55.45 फीट के साथ 5855.00 एमसीएफटी पानी पार हो चुका है। सहायक सेई बांध का गेज भी दिनोदिन कम होने से आवक जारी है। जिसका गेज मंगलवार सुबह 8:00 बजे तक 8.70 मीटर के साथ 1183.00 एमसीएफटी पानी ही बचा है। फिर भी मंथर गति से पानी की आवक जारी है। जिसे जवाई का गेज मे निरंतर बढ़ोतरी से भराव क्षमता की और बढने लगा है। इसी प्रकार सेई बांध के सहायक कालीबोर बांध 19.05 मीटर के साथ 209.763 एमसीएफटी पानी उपलब्ध है। जबकि केर बांध का गेज 11.40 फीट के साथ 98.502 एमसीएफटी पानी उपलब्ध के साथ गेज स्थिर बना हुआ है। इसी तरह सुमेरपुर डिविजनल के बांकली बांध का गेज 11.70 फीट के साथ 169.45 एमसीएफटी पानी उपलब्ध है। दुजाना बांध मे 0.70 मीटर के साथ 2.30 एमसीएफटी,तखतगढ बाँध मे 6.15 फिट के साथ 65.27 एमसीएफटी, और सिन्दरू बांध मे 13.20 फिट के साथ 160.63 एमसीएफटी पानी उपलब्ध है।
नहरो एंव माइनरो की सफाई मरम्मत शुरू , जल संसाधन विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जवाई बांध भराव क्षमता की और बढ़ने से विभाग भी सक्रिय हो गया है और सिंचाई के लिए कमांड क्षेत्र में जगह-जगह क्षतिग्रस्त नहरों एवं वितरिकाओं सहित माइनरो की सफाई नरेगा मजदूर लगाकर करवाई जा रही है। और विभाग द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर मरम्मत कार्य युधिष्ठिर पर शुरू कर दिए हैं।
यह है जल वितरण कमेटी, जवाई बांध से सिंचाई पानी बंटवारे को लेकर जल वितरण कमेटी के अध्यक्ष संभागीय आयुक्त एवं पाली जालौर सिरोही कलेक्टर, एसपी, उपखंड अधिकारी सहित जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता, अधिशासी अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता तथा किसान संघर्ष समिति सुमेरपुर आहोर के प्रतिनिधि मंडल के बीच होता है बटवारा
900 गांवों की जीवन रेखा माना जाता है जवाई बांध, यह है कि सियासत कल में जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा जिले के सुमेरपुर स्थित 1957 में मुख्य नीव सीसा धातु से निर्मित पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े 61.25 फीट भराव क्षमता वाले जवाई बांध से पाली, सिरोही और ब्यावर जिले के 900 गांवों में पीने का पानी सप्लाई दिया जा रहा है। तथा पाली जिले के सुमेरपुर कमांड क्षेत्र के 33 गांव के 25825.40 हेक्टेयर में एवं जालोर के आहोर कमांड क्षेत्र के 24 गांव 12845.60 हेक्टेयर कुल 38671 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पाली-जलोर के 38 हजार 600 किसानों को पानी दिया जाता है।
जवाई बांध क्षेत्र में मुख्य नहर के अलावा 21 वितरिकाओं समेत कई नहरें हैं. इन नहरों की लंबाई जिस मे जवाई बांध से मुख्य नहर की लंबाई – 23 किलोमीटर है।साथ ही
वितरिकाओं सहित माइनरो की लंबाई -2 34 किलोमीटर इन नहरों के ज़रिए पाली ज़िले के 33 और जालौर ज़िले के 24 गांवों में सिंचाई की जाती है. इन गांवों में स्थित कमांड क्षेत्र में कुल 38,671 हेक्टेयर ज़मीन पर सिंचाई होती है।
फोटो 2-3 जवाई बांध का नजारा एवं नेहरो की सफाई करते नरेगा श्रमिक
4- नहर से बाबुल की झाड़ियां हटता जेसीबी मशीन