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जालोर-नगर परिषद की अनदेखी के कारण जालोर में पेयजल सप्लाई का प्रमुख सोर्स सुन्देलाव तालाब दम तोड़ रहा है। तालाब के पानी में सीवरेज समेत जिलेभर का गंदा पानी मिलने से जल प्रदूषण भी बढ़ गया है, जिससे हजारों मछलियों की मौत हो चुकी है।
बुधवार तक हजारों की तादाद में मरी हुई मछलियां तालाब के किनारों पर मिलीं। तालाब में मिले रहे सीवरेज व नालों के पानी के बाद मरी हुई मछलियों की दुर्गंध ने आसपास के लोगों व राहगीरों का यहां से गुजरना मुश्किल कर दिया है। साथ ही तालाब के चारों ओर स्थित 12 मंदिरों में नवरात्रि के 9 दिन तक होने वाले धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं के शामिल होने पर भी संशय ला दिया है।
मामले में कई बार शहर वासियों व विभिन्न संगठनों ने नगर परिषद के अधिकारियों व जिला कलेक्टर को इसकी शिकायत की। लेकिन प्रशासन की ओर से समस्या का समाधान नहीं किया गया।
जानकारी के अनुसार तालाब में मछलियां मरने का सिलसिला जिले में हाल ही हुई बारिश के बाद शुरू हो गया। जिसके बाद मृत मछलियां पानी की लहरों के साथ किनारों पर आ गई, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बारिश रुकने के बाद लगातार सीवरेज के पानी की आवक तालाब में जारी है। लेकिन सीवरेज व नालों के पानी से तालाब में स्थित हजारों की तादाद में मछलियां मर रही है। मछलियां पानी की लहरों के साथ किनारों पर आने से अनेक जानवर उन्हें खाने के लिए किनारों पर ही मौजूद रहते है, जिसके कारण आमजन के साथ ही हादसा होने की संभावना बढ़ गई है।
धार्मिक अनुष्ठान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं की बढ़ी परेशानी
चामुंडा माता मंदिर व हनुमानजी मंदिर के संत पवनपुरी महाराज ने बताया कि तालाब में पिछले कुछ दिनों से मछलियां मरने का सिलसिला जारी है। मामले की नगर परिषद में शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी व कर्मचारी तालाब पर नही पहुंचे। कई बार शिकायत के बाद तालाब में करीब 4 जगह से सीवरेज व नालों का पानी आ रहा है।
बता दें कि सुन्देलाव तालाब के किनारे अलग-अलग देवी-देवताओं के करीब 12 से अधिक मंदिर व धार्मिक स्थल हैं। जहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। वहीं, कल से शुरू होने वाली नवरात्र में सुन्देलाव तालाब पर स्थित राणी भटीयाणी, हनुमान मंदिर, खेतलाजी मंदिर व चामुण्डा माता मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन होंगे।