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जालोर-आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण राजस्थान, जयपुर के निर्देशानुसार कृत्रिम रूप से फलों को पकाने की प्रक्रिया के खिलाफ जांच एवं नमूनीकरण के लिए सघन अभियान 24 मई से 30 मई 2025 तक चलाया जा रहा है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी हनवंत सिंह ने बताया को गर्मी के मौसम के दौरान कुछ फलों को कृत्रिम पकाने या संरक्षण के लिए नॉन परमिटेड रसायन का उपयोग किये जाने की संभावना होती है। आमजन को फल खरीदते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे आम जिन्हें कैल्सियम कार्बाइड, कैला जिसे रसायन द्वारा से कृत्रिम रूप से पकाया जाता है, वहीं तरबूज एवं खरबूजे जिन्हें सिंथेटिक या रसायनिक संरक्षण पाए जाते है तथा अंगूर एवं सेब जिन पर अत्यधिक वैक्स कोटिंग या कीटनाशक अवशेष मौजूद रहते है इस प्रकार कृत्रिम रूप से बनाए फल खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में उल्लंघन की श्रेणी में आते है इन फलों के सेवन से तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव, कैंसर, त्वचा संबधित रोग, पेट की बीमारियां जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
70 किलो फ्रूट नष्ट करवाया
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत सोमवार को कान्हड़देव कृषि उपज मण्डी जालोर में संचालित फर्म / गोदामों का औचक निरीक्षण कर आम, कैला, अंगूर, सैब, पपीता एवं हरिदेव जोशी सर्किल स्थित रिटेल विक्रेता दुकानों से तरबूज एवं मौसमी का नमूना लेकर जांच के लिए लैब भिजवाया गया है।
इससे पूर्व शनिवार को सब्जी मण्डी आहोर के होलसेल फ्रूट विक्रेता आशापुरा सोनाणा खेतलाजी फ्रुट भण्डार एवं मैसर्स नरपतलाल शंकरलाल अमराजी फ्रूट भण्डार का निरीक्षण कर फल एवं सब्जियों के नमूने लिए गए। वहीं विक्रय के लिए प्लास्टिक के कैरेट में रखे गए सड़े गले अनुमानित 70 किलो फ्रूट विक्रेता की मौजूदगी में मौके पर ही नष्ट करवाया गया साथ ही लिए गए नमूनों को जांच के लिए लैब भेजा गया है, रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगामी कार्यवाही की जाएगी।


