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जालोर-पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध के पानी के बंटवारे को लेकर जालोर में किसान सड़कों पर उतर गए हैं। 300 गांवों के किसान मंगलवार रात 12 बजे से कलेक्ट्रेट के सामने जुटना शुरू हो गए थे। पुलिस ने भी मौके पर बैरिकेडिंग लगाकर भारी संख्या में जवान तैनात कर दिए।
किसानों ने बुधवार सुबह कलेक्ट्रेट का घेराव किया तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान दोनों तरफ से कई बार टकराव की स्थिति बनी। इस दौरान किसानों ने जालोर से निकलने वाले जोधपुर-बाड़मेर नेशनल हाईवे-325 का रास्ता बंद कर दिया और रोडवेज बसों को रोक दिया।
किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने पड़ाव डाल रखा है। किसानों के समर्थन में व्यापारियों ने भी बुधवार को बाजार बंद रखा था। दोपहर बाद तक जालोर से निकलने वाले रास्तों को नहीं खोला गया। ऐसे में आस-पास के गांवों से बसों और दूसरे वाहनों को निकाला गया।
9 दिन से चल रहा किसानों का महापड़ाव
दरअसल, जालोर में जवाई बांध के पानी पर जालोर का एक तिहाई हिस्सा तय करने, किसानों को समय पर बीमा क्लेम दिलाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के आह्वान पर 9 दिन पहले महापड़ाव शुरू किया था। इसके समर्थन में बुधवार को 300 गांवों के हजारों किसान जालोर पहुंचे।
सुबह करीब 9 बजे हरिदेव जोशी और अस्पताल चौराहे पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। इसके बाद 11:30 बजे जालोर से निकलने वाले बाड़मेर-जोधपुर हाईवे पर पहुंचे और जाम लगा दिया। यहां से निकलने वाली रोडवेज बसों और अन्य वाहनों को भी रोक दिया।
आक्रोशित किसान दोपहर करीब 12 बजे ट्रैक्टर लेकर पोलजी नगर स्थित जालोर विधायक और मुख्य सचेतक जागेश्वर गर्ग के आवास पर पहुंचे। यहां नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने उनकी कॉलोनी के रास्तों पर ट्रैक्टर, पेड़ आदि लगाकर रास्ता बंद कर दिया। हालांकि विधायक अभी जयपुर हैं। पुलिस ने समझाइश कर किसानों को वहां से रवाना किया।
किसान बोले- 9 दिन बाद भी कोई बातचीत करने नहीं आया भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष रतन सिंह कानीवाड़ा ने बताया- किसानों का कहना है- 9 दिन से हमारा महापड़ाव चल रहा है। इतने दिन बीतने के बाद भी किसानों से वार्ता करने कोई नहीं आया। बुधवार को बड़ी संख्या में किसानों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया, लेकिन अभी तक सरकार से वार्ता नहीं हुई है।
रतन सिंह कानीवाड़ा ने बताया- महापड़ाव गुरुवार को भी जारी रहेगा। किसान रात भर धरनास्थल पर ही रुकेंगे। अभी तक रास्ते बंद है, लेकिन रास्ते खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं।
किसानों ने धरना स्थल पर बनाया रसोई किसानों के कलेक्ट्रेट घेराव को देखते हुए यहां बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात कर बैरिकेड लगाए गए हैं। किसान कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं। किसानों ने धरनास्थल पर ही रात का खाना बनाया और सोने के लिए बिस्तर लगा लिए।
एएसपी मोटाराम और डीएसपी गौतम जैन सहित जिले के सभी थानाधिकारियों ने किसानों से बात की और ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को हटाने के लिए कहा, लेकिन किसान नहीं माने। किसान वार्ता के लिए कलेक्ट्रेट में जाने की जिद पर अड़ गए, जबकि पुलिस अधिकारियों ने समझाया कि केवल प्रतिनिधिमंडल को ही बातचीत के लिए भेजा जाएगा।