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जालोर। हजरत शहीदुल वली शमसुद्दीन शाह दरगाह शरीफ (पुराना जालोर जाबालीपुर) का सालाना उर्स शानो शौकत के साथ मनाया गया। दरगाह इंतजामिया कमेटी के सदर जहूर मोहम्मद लोहार ने बताया की जालोर के गबेंनशाह दरगाह से चादर लेकर जुलूस रवाना हुआ। जो पुराना जालोर जाबालीपुर शमसुद्दीन शाह की दरगाह पहुंचकर चादर की रस्म अदा की गई।
उर्स में अल्लामा मौलाना इलाहकुल कादरी ने अपने नूरानी तकरीर पेश करते हुए कहा कि पीर वलियों की मजारों पर जाकर अकीदत के फूल पेश किया करें। पीर वलियों का वास्ता मोहम्मद स.अ. व सल्लम के दर से जुड़ा हुआ है। जहां से आका की निस्बत से पूरी कायनात को सजाया गया। दरगाह शरीफ पर लोगों का दिन भर तांता लगा रहा। लोगों ने मन्नतें मांगकर अकीदत के फूल पेश किए। नातखान मौलाना कारी अलहाज अब्दुल सत्तार नक्शबंदी ने पाली नबी की शान में नाते पाक सुनाकर महफिल में चार चांद लगाए।
इंतजामिया कमेटी के सेक्रेटरी जाकिर अली अंसारी ने बताया कि उर्स मे मौलाना मुफ्ती मोहम्मद मारूफ, मौलाना रफीक आलम अशरफी, मौलाना नियाज अहमद सिद्दीकी, मौलाना वकार आजम, मौलाना सलीम मुस्तफाई, मौलाना सुल्तान सिद्दीकी, मौलाना गुलाम अली, मौलाना दाऊद नक्शबंदी, मौलाना अरबाब अली, मौलाना इलियास अशरफी, मौलाना अब्दुल सत्तार नूरी, मौलाना याकूब सिद्दीकी, मौलाना हाफिज फिरोज आलम ने भी कलामत, तकरीरे व एक से बड़कर एक नाते पाक सुनाकर महफ़िल को शानदार बनाया। दरगाह कमेटी के खादिम ने गुसल की रस्म अदा की गई। गुसल अदा के साथ उर्स संपन्न हुआ।