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जालोर-जालोर की नोसरा थाना पुलिस ने असम राइफल्स में नौकरी का झांसा देकर अपने परिवार व दोस्तों से 1 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
थानाधिकारी पन्नालाल ने बताया कि कोरणा निवासी मुनेश कुमार उर्फ मनीषकुमार ने 6 फरवरी को मामला दर्ज करवाकर रिपोर्ट में बताया कि जोधपुर में कोचिंग के दौरान रामकिशोर से मेरी पहचान हुई। उसके बाद उसने खुद को असम राइफल में क्लर्क हवलदार बताते हुए कहा कि सेना में लेन-देन से ही नौकरी लगती है। उसने सोशल मीडिया पर फौजी ड्रेस में वीडियो दिखाकर भरोसा दिलाया। कुछ समय बाद वह मेरे घर आया और बोला कि असम राइफल में टेक्निकल और ट्रेडमैन की भर्ती चल रही है। दस्तावेज और पैसे देने पर नौकरी लगवा देगा।
15 लोगों से 1 करोड़ी ठगी करना कबूला
पीड़ित ने भरोसा कर 2 लाख रुपए रामकिशोर के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद रामकिशोर एक लेटर लेकर आया। उसने बताया कि यह क्वालिफाई लेटर है और शारीरिक परीक्षण के लिए बुलावा है। उसने 6 लाख रुपए और मांगे। लेटर पर असम राइफल के महानिदेशालय की सील लगी थी।
जिस कारण उस पर भरोसा कर 6 लाख रुपए और भेज दिए। जब उसके बताए पते पर पहुंचा तो मौके पर अधिकारियों ने लेटर फर्जी बताया। इस पर रामकिशोर को फोन किया तो उसने रुपए लौटाने या नौकरी लगवाने को कहा, उसके बाद से उसने फोन बंद कर लिया। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की और आरोपी जोधपुर के पीपाड़ शहर के पास जालका निवासी रामकिशोर पुत्र जबराराम मेघवाल को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने करीब 15 रिश्तेदारों व सहपाठियों से 1 करोड़ की ठगी करना कबूला है।
कोचिंग के दौरान ऑनलाइन गेम की लत लगी
थानाधिकारी ने बताया कि आरोपी पूछताछ में बताया कि आरोपी रामकिशोर का सेना में भर्ती होने का सपना था। वह 12वीं की पढ़ाई करने के बाद जोधपुर में एक कोचिंग सेंटर में तैयारी करने लगा। यहां उसे अपने दोस्तों से ऑनलाइन गेम की लत लग गई। इसमें वह शुरुआत में कुछ राशि जीता, लेकिन फिर हारता गया। रुपए हारने के बाद वह हताश हो गया।
सबसे पहले घरवालों से ही की ठगी
इधर, वह सेना भर्ती में भी सफल नहीं हो पाया। ऐसे में उसने अपने घरवालों को ठगने की योजना बनाई। उसने अपने घरवालों से सेना में नौकरी लगाने के लिए 2 लाख रुपए मांगे। घरवालों ने बेटे की नौकरी की लालच में रुपए दे भी दिए। वह फोटोशॉप अच्छे से जानता था। इसी का फायदा उठाकर उसने अपने घरवालों को एक कॉल लेटर बनाकर भेजा और 6 लाख रुपए मांगे। घरवालों ने भेज दिए।
बीच में किसी बहाने से 50 हजार रुपए और लिए। फिर उसने एडिटेड ज्वॉइनिंग लेटर भेजा और 4-5 लाख रुपए मांगे और घरवालों से ठगी राशि उसने गेम में ही लगाई और हार गया। एक तरफ घरवालों को नौकरी बता दी, दूसरी ओर घरवालों से लिए रुपए भी खत्म हो चुके थे।
गेम में लगाने के लिए रिश्तेदार व दोस्तों से की ठगी
ऐसे में उसने अपने रिश्तेदारों व कोचिंग के सहपाठियों को ठगना शुरू किया। उन्हें ठगने के लिए भी उसने अपने फोटोशॉप की कला का इस्तेमाल किया। उसने अपने खुद के असम राइफल्स की वर्दी में कुछ फोटो बनाए और दोस्तों व रिश्तेदारों को भेज दी। फिर उसने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे ठगी की। वह पहले नौकरी लगाने के नाम पर 2 लाख रुपए मांगता। फिर एडिट कॉल लेटर बनाकर भेजता और 5-6 लाख रुपए ले लेता। उसने करीब 15 रिश्तेदारों व दोस्तों से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर ली। यह राशि भी उसने गेम में लगा दी और हार गया। आरोपी के खिलाफ नोसरा थाना अलावा जोधपुर के बनाड़ थाने में भी एक मामला दर्ज है।