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जालोर-जालोर के बिशनगढ़ में पुलिस की कथित गुंडागर्दी के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं।
शुक्रवार को विप्र फाउंडेशन जोन 1-सी के बैनर तले ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों एवं समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बिशनगढ़ थानाधिकारी, एएसआई सहित पुलिस दल पर केशवना गांव के एक ब्राह्मण परिवार के साथ में मारपीट की निंदा की गई। साथ ही अमानवीय कार्रवाई के खिलाफ तत्काल निलंबन और न्यायिक जांच की मांग की गई।
विप्र फाउंडेशन का आरोप है कि 29 अक्टूबर को करीब डेढ़ बजे बिशनगढ़ थानाधिकारी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल समाजकंटकों के साथ मिलकर कैलाश वैष्णव के घर में घुस गया।
घर में महिलाओं और बच्चियों के साथ मारपीट, गाली-गलौज की। फिर महिलाओं को बालों से घसीटते हुए पुलिस गाड़ी में डालकर थाने ले जाने की घटना की। इस दौरान पुलिस ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरे और बच्चियों के मोबाइल फोन भी तोड़ दिए।
लोग बोले- पुलिस की कार्रवाई अमानवीय, थानाधिकारी सस्पेंड करें
समाज के लोगों का कहना है कि पुलिस का यह व्यवहार रक्षक की भूमिका से भक्षक बनने जैसा है, जो अस्वीकार्य है। ज्ञापन में मांग की गई कि बिना किसी न्यायिक आदेश या वारंट के घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों के साथ की गई इस अमानवीय कार्रवाई में शामिल थानाधिकारी, एएसआई एवं अन्य पुलिसकर्मियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए। साथ ही, गांव के समाजकंटकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
विप्र फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने सांसद लुंबाराम को ज्ञापन दिया। मामले में सांसद ने जालोर एसपी शैलेन्द्र सिंह को निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
विप्र फाउंडेशन के प्रदेश महामंत्री ने चेतावनी दी कि यदि इस प्रकरण में राज्य सरकार द्वारा तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो पूरे राजस्थान में ब्राह्मण समाज द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शन और धरना दिया जाएगा।
इस दौरान जगदीश रामावत, छगन रामावत, पं. पवन दाधीच, रमेश वैष्णव, द्वारकादास, पोकरण दाधीच, जितेंद्र भीनमाल, मुकेश वैष्णव समेत बड़ी संख्या में जिलेभर से आए लोग मौजूद रहे।
