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जालोर-जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जालोर ने परिवादी नोसरा निवासी छगनसिंह पुत्र जयसिंह के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मैसर्स चेतक मित्रा टोलवेज लिमिटेड को सेवादोष का दोषी ठहराया है। मामला स्टेट हाईवे 16 व 64 पर स्थित चेतक टोल कंपनी के अधीन टोल मार्ग की खराब स्थिति से जुड़ा था।
परिवादी ने शिकायत में बताया कि वर्ष 2020-21 में उसने जालोर से जोधपुर और अन्य जिलों में ग्रेनाइट माल ढुलाई के दौरान टोल रोड का उपयोग किया, लेकिन सड़क जगह-जगह गड्डों से भरी थी, अनावश्यक स्पीड ब्रेकर बने थे और किनारों पर दरारें थीं। खराब सड़क से वाहनों की सर्विसिंग पर 1.09 लाख रुपए खर्च करने पड़े और आर्थिक व मानसिक हानि हुई। परिवादी ने टोल कंपनी से 4.56 लाख मुआवजा मांगा था। पीठासीन अधिकारी घनश्याम यादव (अध्यक्ष) और सदस्य निरंजन शर्मा की पीठ ने पाया कि टोल कंपनी ने सड़क का नवीनीकरण और रखरखाव समय-समय पर नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट सेवादोष का मामला है।
आयोग ने कंपनी को आदेश दिया कि वह परिवादी को 7 हजार 935 रुपए टोल टैक्स की राशि 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित लौटाए। साथ ही मानसिक संताप के 10 हजार रुपए और वाद व्यय के 7 हजार रुपए सहित कुल 17 हजार रुपए 45 दिनों के भीतर अदा करें। इसके अलावा चेतक मित्रा टोलवेज लिमिटेड को राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष में 1 लाख रुपए जमा कराने का भी आदेश जारी किया और आयोग ने चेतावनी दी कि आगे से ऐसा ना हो।
