
PALI SIROHI ONLINE
जालोर-20 साल की प्रसूता की मौत के मामले में जालोर जिला हॉस्पिटल की डॉ. कमला भारती को एपीओ कर दिया गया है। डॉक्टर के विरोध में सोमवार को सरगरा समाज के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था। अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान भी किया गया था।
इसके बाद स्वस्थ्य विभाग के जोधपुर जोन के संयुक्त निदेशक डॉ. नरेंद्र कुमार सक्सेना ने एक आदेश जारी कर जालोर जिला हॉस्पिटल की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. कमला भारती को एपीओ कर दिया। अगले आदेश तक उनका हेडक्वार्टर जोधपुर जोन कार्यालय किया गया है।
आरोप- गलत इंजेक्शन लगाए, मौत के बाद रेफर किया
लोगों ने आरोप लगाया था कि MCS हॉस्पिटल में पिछले महीने 16 मई को प्रसूता खुशबू को डॉक्टर कमला ने बेहोशी के दो इंजेक्शन लगाए। तबीयत बिगड़ी तो गुमराह करते हुए रेफर कर दिया। जबकि खुशबू की मौत हो चुकी थी। मामले को 25 दिन बीतने के बाद भी न जांच हुई, न आरोपी डॉक्टर कमला भारती के खिलाफ एक्शन लिया गया।
सोमवार को समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट के सामने रोड जाम कर दिया। डॉक्टर के खिलाफ नारेबाजी की। परिजन ने कहा था- जब डॉक्टर को APO नहीं किया जाएगा, धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। शाम को डॉक्टर को एपीओ किए जाने के आदेश आ गए।
मामला तक दर्ज नहीं किया
परिजन ने आरोप लगाया- घटना के दूसरे दिन (17 मई) को डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत दी लेकिन अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है। सीएमएचओ ने 3 दिन में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।
हमने 13 दिन पहले 28 मई को भी कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया था। कलेक्टर ने भी जल्द जांच पूरी कर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया था। फिर भी कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरन हम सड़कों पर उतरे।
सरगरा समाज के लोगों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने के बाद शहर में नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। इसके बाद दोबारा कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरने पर बैठ गए।
जेठ बोला- डॉ. कमला भारती के खिलाफ एक्शन नहीं
खुशबू के जेठ जेठाराम ने बताया- हम जालोर के सियाणा कस्बे के चांदणा गांव के रहने वाले हैं। खुशबू मेरे छोटे भाई जितेंद्र कुमार सरगरा की पत्नी थी। उसकी डिलीवरी के लिए हम उसे 16 मई को जालोर के MCS हॉस्पिटल लेकर आए थे।
वहां डॉ. कमला भारती ने इलाज शुरू किया। डॉक्टर ने कहा- शाम 7 बजे तक डिलीवरी हो जाएगी। सब कुछ नॉर्मल है। नॉर्मल डिलीवरी होगी। बाद में उसने कहा- सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ेगा। हमने सहमति दे दी। रात 8 बजे खुशबू को डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में ले गई।
इसके बाद पर्ची देकर बाहर से बेहोशी (एनेस्थीसिया) के इंजेक्शन मंगवाए। एक के बाद एक दो इंजेक्शन खुशबू को लगा दिए। इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। खुशबू के दम तोड़ने की जानकारी डॉक्टर ने हमसे छिपाई। रात 9 बजे उसे पाली रेफर कर दिया।
उस वक्त खुशबू की धड़कन नहीं चल रही थी। हमने कहा कि खुशबू हिल-डुल नहीं रही थी। डॉ. कमला भारती ने कहा-बेहोशी के इंजेक्शन लगे हैं, इसलिए नहीं हिल रही है। इसे पाली ले जाओ।
हम रात 9.30 बजे एंबुलेंस से पाली के लिए रवाना हुए। जालोर से 20 किलोमीटर चलने के बाद आहोर के प्राइवेट हॉस्पिटल में चेक कराया, वहां डॉक्टर ने बताया कि खुशबू की मौत 1 घंटे पहले मौत हो चुकी थी।



