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जालोर-जालोर में भारतीय किसान संघ के आह्वान पर मंगलवार सुबह 10 बजे से किसान महापड़ाव शुरू हो गया। महापड़ाव में आस-पास के 300 गांवों से 5 हजार से ज्यादा किसान प्रतिनिधी पहुंचे हैं। किसानों के आने का क्रम जारी है।
महापड़ाव जालोर जिला कलेक्ट्रेट के सामने दिया जा रहा है। यह महापड़ाव अनिश्चित कालीन है। महापड़ाव के जरिए किसान पानी और बीमा की मांग कर रहे हैं।
दोपहर 12 बजे के करीब किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट, वन वे रोड, अस्पताल चौराहे पर बीच रास्ते में ही ट्रैक्टर लगाकर जाम लगा दिया। इसके बाद पुलिस प्रशासन व तहसीलदार किसानों को समझाने पहुंचे। किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
दोपहर 1.30 बजे तक बड़ी संख्या में किसान महापड़ाव पर पहुंच चुके हैं। पुलिस ट्रैक्टरों को रास्ते से हटवाने के प्रयास कर रही है। महापड़ाव में जालोर, आहोर, सायला, बागोड़ा उपखंड के किसान बड़ी संख्या में जुटे हैं। किसानों का आना जारी है।
किसानों के लिए लापसी, दाल-रोट की तैयारी
जवाई बांध के पानी पर जालोर का हक तय करने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर के सामने किसानों धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। धरना स्थल पर ही किसानों के लिए भोजन में लापसी, दाल और रोट तैयार किया जा रहा है। मौके पर ही भट्टी लगाकर कड़ाही में लापसी तैयार की जा रही है
पानी और बीमा हमारी सबसे बड़ी मांगें
भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष रतन सिंह कानीवाड़ा ने बताया- पानी और बीमा हमारी सबसे बड़ी मांगें हैं। जवाई नदी के पानी पर पूरी तरह जालोर का हक होना चाहिए। पानी के मामले में जालोर जिला अब डार्क जोन से भी बदतर हालात में है।
अति दोहन के कारण यहां पर्यावरण का संतुलन बिगड़ चुका है। भूजल की क्वालिटी इतनी खराब हो चुकी है कि यह पीने लायक भी नहीं रहा है। यहां तक कि पेड़ पौधे के उगने पर भी तेजी से असर पड़ रहा है। ऐसा ही रहा तो कुछ समय बाद जालोर जिला पूरी तरह बंजर हो जाएगा।
” हमारी मांग जवाई नदी के प्राकृतिक बहाव को लेकर है। जवाई नदी पर जितने भी बांध हैं, जिनमें सबसे बड़ा जवाई बांध है, वहां से पानी जवाई नदी में वर्षभर बहाया जाए और नदी के प्राकृतिक बहाव को मेंटेन किया जाए।
तय किया जाए कि सभी बांधों से पानी नदी में छोड़ा जाए। जवाई बांध के अलावा नदी पर 10-15 एनीकट भी बने हैं जिन पर गेट भी नहीं हैं। यहां एनीकट से पानी वाष्पीकरण से उड़ रहा है। उस पानी को भी गैप लगाकर नदी में छोड़ा जाए। नदी का सामान्य फ्लो नहीं रुकना चाहिए। सिर्फ अतिवृष्टि होने की स्थिति में ही बांध पर पानी रोकने की व्यवस्था होनी चाहिए।
दूसरी मांग- पेंडिंग पड़ा फसल बीमा का निपटारा किया जाए
उन्होंने कहा- हमारी दूसरी मांग बीमा क्लेम को लेकर है। किसानों के फसल बीमा की अर्जियां, पटवार मंडलों की अपील के रूप में जयपुर कार्यालय में पैंडिंग पड़ी हैं। यह करीब सवा सौ करोड़ रुपए का बीमा है, वह समय पर किसानों को मिलना चाहिए। सरकार इस पर ठोस कार्रवाई करे।
रतनसिंह कानीवाड़ा ने बताया- जालोर जिले के किसान 31 साल से हर साल धरना प्रदर्शन कर जवाई बांध के पानी पर जालोर का एक हिस्सा तय करने की मांग कर रहे हैं। भारतीय किसान संघ सहित जिले के विभिन्न किसान संगठन मंगलवार को इसी मांग को लेकर महापड़ाव पर हैं। मांगें पूरी नहीं होने तक महापड़ाव जारी रहेगा। महापड़ाव के लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था स्थानीय किसान संगठनों की ओर से ही की जा रही है।