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जालोर-जवाई नदी में जवाई बांध का पानी छोड़ने, भैसवाड़ा के पास नदी के डायवर्जन क्षेत्र अवैध निर्माण हटाने, कमेटी का गठन का जांच कराने और रामदेवजी मंदिर तक सड़क निर्माण करवाने को लेकर किसानों का धरना चौथे दिन भी जारी है। भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया।
भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष रतनसिंह कानिवाड़ा ने बताया- सोमवार की सुबह 8 बजे तक जवाई बांध का जलस्तर 58.25 फिट तक दर्ज हो चुका है। इसके कारण अब बांध भराव क्षमता से 3 फिट ही खाली है। ऐसे में बांध का पानी जवाई नदी में छोड़ने, जवाई बांध पुनर्भरण योजना को अमल में लाने, जवाई नदी के पानी का एक तिहाई हिस्सा जवाई नदी के प्राकृतिक प्रवाह के लिए निर्धारित करने की मांग रखी है। साथ ही आहोर के भैसवाड़ा के पास जवाई नदी के डायवर्जन के बहाव क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण कार्य को रोकने व कमेटी का गठन कर निर्माण कराने व परमिशन देने वाले की जांच कर कार्यवाही करने की मांग भी प्रशासन से की है।
उन्होंने बताया कि किसनों ने प्रशासन से मांग की है कि राजस्थान सरकार की जल नीति 2010 को लागू करें, 1966 में बनी माही परियोजना को धरातल पर लाकर गुजरात से राजस्थान के हिस्से का पानी दिला कर किसानों को सिंचाई का पानी दिलाएं, नर्मदा नहर परियोजना का विस्तार कर राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी दिया जावें और 100 मीटर नहर बना कर लूणी नदी को जवाई नदी से जोड़ा जाए।
इसके अलावा माही नदी के ओवरफ्लो पानी जालोर को दिलाने, कभी-कभी नर्मदा नहर का पानी ऑवरफ्लो होकर समुद्र में जाता है, ऐसी योजना बनाई जाए कि वह पानी जालोर जिले के सभी तालाबों व नदियों में जाए। लूणी, जवाई, सुकडी (जालोर), यमुना और साबरमती नदी को आपस में जोड़ने, इंद्रा गांधी नहर की लम्बाई बढ़ाकर जालोर जिले को पानी दिलाने, अरंडी के बीमा क्लेम के निर्धारित नार्मस से संशोधन करने, गुजरात की तरह डेयरी लगाकर मिलावट खोरी से निजात दिलाने की मांग समेत कुल 15 सूत्री मांग प्रमुखता से रखी है।
उन्होंने कहा कि धरना देकर कलेक्टर समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार से मांग की है कि वे मांगों पर जल्दी कार्रवाई करें।