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जैतारण। सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्ति और उसके परिवार के लिए मुख्यमंत्री व राज्य सरकार द्वारा आर्थिक मदद की जाती है। सरकार द्वारा पीड़ित व्यक्ति को सर्टिफिकेट जारी होने पर लगभग 3 लाख की आर्थिक सहायता व सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात परिजन को 2 लाख की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त पीड़ित व्यक्ति को प्रतिमाह 1500 रुपए की पेंशन एवं बच्चों की पालनहार एवं पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात पत्नी को विधवा पेंशन व बच्चों को पालनहार योजना से जोड़कर लाभान्वित किया जाता है। पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात अंतिम संस्कार कार्यक्रम के लिए 10 हजार तक की आर्थिक मदद की जाती है। वहीं, अमृतकौर अस्पताल में रजिस्टर्ड मरीजों की जांच हो रही है। अब तक 94 सर्टिफिकेट जारी किए गए।
क्या है सिलिकोसिस बीमारी सिलिकोसिस, फेफड़ों को कमजोर करने वाली एक बीमारी है, जो सिलिका धूल के संपर्क में आने वाले श्रमिकों को प्रभावित करने वाला एक गंभीर व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरा है।
यह घातक बीमारी, जिसे अक्सर “खनिकों की बीमारी” कहा जाता है, क्रिस्टलीय सिलिका धूल के सांस लेने के कारण होती है, जो खनन, उत्खनन, निर्माण और सैंडब्लास्टिंग जैसे विभिन्न उद्योगों में एक आम घटक है। सिलिकोसिस रोग के लक्षण : सिलिकोसिस के लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, खांसी, थकान और सीने में दर्द शामिल हो सकते हैं। गंभीर मामलों में इससे श्वसन विफलता और यहां तक की मृत्यु भी हो सकती है। अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
सिलिकोसिस से पीड़ित व्यक्तियों में टीबी और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ई मित्र के माध्यम से करे आवेदन : राजस्थान न्यूमोकोनियोसिस (सिलिकोसिस) नीति 2019 के अंतर्गत सिलिकोसिस पीड़ित व उनके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए नवीन सिलिकोसिस पोर्टल का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके तहत संदिग्ध सिलिकोसिस पीड़ित होने की स्थिति में कोई भी व्यक्ति ई मित्र के माध्यम से RAJSILICOSIS.RAJASTH AN.GOV.IN पर आधार बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाकर आवेदन कर सकता है। सिलिकोसिस पीड़ित की मृत्यु के पश्चात् पोर्टल से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने पर उक्त सूचना जनआधार पोर्टल पर रिवर्स सीडिंग के माध्यम से जन आधार डेटा बेस में अपडेट होने के पश्चात ऑनलाइन प्रक्रिया से चिन्हित नामित का स्वतः आवेदन जनरेट होगा।