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जयपुर। राजस्थान में अक्टूबर में होने वाले 6 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन तीन सीटों पर पार्टी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। देवली, झुंझुनूं, और दौसा सीटों पर कांग्रेस को कोई बड़ी चुनौती नहीं दिख रही, पर चौरासी, सलूंबर, और खींवसर सीटों पर गठबंधन को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी मतभेद गहराते जा रहे हैं।
चौरासी सीट पर गठबंधन की उलझन
चौरासी सीट पर कांग्रेस बाप पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में है, जबकि सलूंबर सीट पर खुद चुनाव लड़ना चाहती है। दूसरी ओर, बाप पार्टी दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की मांग कर रही है, जिससे स्थिति और पेचीदा हो गई है। खींवसर सीट पर कांग्रेस के पास मजबूत उम्मीदवार की कमी है और प्रदेश नेतृत्व भी यहां गठबंधन के पक्ष में नहीं है।
अंदरूनी विरोध और हाईकमान की चुनौती
कांग्रेस के भीतर एक धड़ा गठबंधन को पार्टी की कमजोरी का कारण मान रहा है, जबकि दूसरा धड़ा इसे बीजेपी को रोकने के लिए अनिवार्य मानता है। इस अंदरूनी खींचतान के चलते, अब कांग्रेस ने इन सीटों पर गठबंधन का फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है। पार्टी की रणनीति यही है कि बीजेपी को हर हाल में इन सीटों पर रोका जाए, जिसके लिए गठबंधन को एक विकल्प के रूप में खुला रखा गया है
कांग्रेस की कमजोर पकड़ और आगामी चुनौती
चौरासी, सलूंबर और खींवसर में कांग्रेस की पकड़ लगातार कमजोर होती जा रही है। अब हाईकमान की ओर से आने वाला फैसला ही यह तय करेगा कि कांग्रेस अपनी इस चुनौती से कैसे निपटती है और क्या वह इन सीटों पर बीजेपी को मात देने में कामयाब हो पाएगी।