PALI SIROHI ONLINE
जयपुर। नया शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ ही शिक्षा विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूल में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों को राहत देने के लिए घर से स्कूल की दूरी पर रास्ते का किराया देने की सुविधा शुरू की है। इससे स्कूलों तक पहुंचने के लिए विद्यार्थियों को कोई परेशानी ना हो।
Rajesthan सरकार नेट्रांसपोर्ट वाउचर योजना को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राजकीय विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों तथा 9 एवं 10 की सिर्फ बालिकाओं के लिए ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना संचालित है। इसके तहत घर की दूरी के अनुसार विद्यार्थियों को राशि दी जाएगी।
कक्षा एक से पांच तक के बालक-बालिकाएं, जिनके घर से स्कूल एक किलोमीटर की परिधि में कोई राजकीय प्राथमिक विद्यालय उपलब्ध नहीं है एवं उन्हें एक किमी से दूरी तक जाना पड़ता है, उन्हें 10 रुपए प्रति उपस्थिति दिवस राशि मिलेगी। वहीं कक्षा 6 से 8 तक के बालक-बालिका जिनका घर स्कूल से दो किमी से अधिक दूरी पर है उनको 15 रुपए तथा कक्षा नवीं व दसवीं की वह बालिकाएं, जिनका घर स्कूल से पांच किमी की दूरी पर है उनको 20 रुपए दिए जाएंगे।
जिले को मिला लक्ष्य व बजट
जिले में सत्र 2024-25 के लिए कक्षा 1 से 8 तक के 6 हजार 766 विद्यार्थियों के अधिकतम 2 करोड़ 2 लाख 98 हजार रुपए का बजट स्वीकृत हुआ है। वहीं 9 व 10 में 261 बालिकाओं के लिए 14 लाख 9 हजार 400 रुपए का बजट है। कक्षा एक से आठ तक के एक विद्यार्थी को पूरे सत्र में अधिकतम 3 हजार तथा नवीं और दसवीं की बालिका को अधिकतम 5400 रुपए स्वीकृत होंगे।
गांवों की छात्राओं को मिलेगा लाभ
ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पढऩे वाली उन्हीं बालिकाओं को मिलेगा, जिनके स्कूल की दूरी घर से 5 किलोमीटर से अधिक है। शिविरा पंचांग के कार्य दिवसों की गणना के आधार पर ट्रांसपोर्ट वाउचर की राशि स्वीकृत की जाएगी। संस्था प्रधानों को पात्र छात्राओं की वास्तविक उपस्थिति की गणना करनी होगी। इस योजना का लाभ मॉडल स्कूलों में पढऩे वाली बालिकाओं को भी मिलेगा। कक्षा 11वीं एवं 12वीं की बालिकाओं के लिए ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना का प्रावधान स्वीकृत नहीं किया है।
एक ही योजना का ले सकती हैं लाभ
साइकिल योजना का लाभ लेने वाली नवीं की बालिकाओं को वाउचर योजना से नहीं जोड़ा जाएगा। दोनों में से एक योजना का लाभ ही मिलेगा।
यह रहेगी आवेदन प्रक्रिया
संस्था प्रधान विद्यार्थियों या अभिभावकों से आवेदन प्रपत्र भरवाएंगे तथा एसडीएमसी अनुमोदन करेगी। इसके बाद शाला दर्पण में प्रविष्टि कराकर प्रमाणीकरण करना होगा। पीईईओ पात्र बच्चों की राशि आहरण स्वीकृति करेंगे।