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जयपुर-गहलोत सरकार ने कार्यकाल के आखिरी समय में जिन भी राज्य कर्मचारियों (सेवानिवृत) से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लेने के लिए आवेदन पत्र भरवाकर अंशदान की राशि ली थी, उसमें से कई कर्मचारी अब भी पेंशन आने का इंतजार कर रहे हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन संचालित राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लि. ने पिछले महीने एक आदेश जारी करके जमा अंशदान वापस लेने का विकल्प कर्मचारियों और उनके परिजनों को दिया है।
दरअसल, निगम ने पिछले महीने आदेश जारी करके विभाग के पुराने आदेशों (ओपीएस से संबंधित) को स्थगित करते हुए कर्मचारियों से जमा रकम को वापस लेने का विकल्प दिया है। जमा रकम बकायदा ब्याज सहित वापस दी जाएगी। जब से राशि जमा करवाई है, तब से अब तक का ब्याज दिया जाएगा।
निगम के ही रिटायर्ड कर्मचारी सुभाष शर्मा ने बताया- एमडी डॉक्टर वीरेंद्र सिंह से जारी आदेशों में पेंशन से संबंधित सभी आदेशों को रद्द करते हुए हमे जमा अंशदान वापस लेने के लिए कहा है।
आपको बता दें कि राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम के करीब 20 कर्मचारी ऐसे है, जिन्होंने पिछले साल अंशदान की राशि जमा करवाकर ओपीएस का विकल्प लिया था। तब से अब तक निगम ने इन कर्मचारियों को पीपीओ जारी नहीं किए।
निगम-बोर्ड में अधिकांश कर्मचारियों ने जमा करवाई अंशदान राशि
रिटायरमेंट के बाद ओपीएस की जगह एकमुश्त बेनीफिट्स देने के ज्यादातर मामले निगम और बोर्ड (स्ववित्त पोषित संस्थाओं) में सामने आए है। बिजली, रोडवेज, वित्त निगम, रीको, डेयरी सहित कई निगमों के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन के बजाए सरकार ने एकमुश्त राशि दी थी। इस कारण इन निगमों से जुड़े ज्यादातर कर्मचारियों ने ही अंशदान की राशि जमा करवाई थी।
पीपीओ जारी, लेकिन पेंशन शुरू नहीं
पिछले साल पैसा जमा करवाने के बाद कुछ निगमों और बोर्ड ने कुछ कर्मचारियों को पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) जारी कर दिए और उनकी पेंशन भी शुरू हो गई। कुछ कर्मचारियों के पीपीओ जारी करने के बाद भी आज दिन तक पेंशन शुरू नहीं हुई। राजस्थान वित्त निगम में भी कुछ ऐसे ही मामले है।