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जयपुर-सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के छोटे भाई गोपाल सारण (बर्खास्त सीआई) को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है। गोपाल सारण को पुणे से गिरफ्तार कर जयपुर लाया गया है। एसओजी के पास गोपाल के खिलाफ कई रिकॉर्ड हैं।, उनके आधार पर पूछताछ की जा रही है। गोपाल सारण ने जयपुर से पुणे भागकर कबाड़ी का काम शुरू कर दिया था, उसने वहां एक दुकान खोल ली थी।
एसओजी को 25 सितंबर को इनपुट मिला था कि गोपाल सारण पुणे में स्क्रैप का काम कर रहा है। जयपुर से एक टीम को मौके के लिए रवाना किया गया। टीम शुक्रवार को लोकेशन पर पहुंची तो आरोपी नहीं मिला, इसलिए टीम को कुछ समय रुकना पकड़ा।
शनिवार को एसओजी की टीम को जानकारी मिली कि गोपाल सारण कुछ देर में दुकान पहुंचने वाला है। इसी दौरान टीम एक्टिव हुई और थोड़ी देर में टीम ने सारण को डिटेन कर लिया। इसके बाद टीम उसे लेकर पुणे में उसके घर पहुंची। सर्च के दौरान कुछ दस्तावेज एसओजी को मिले हैं। इनकी जांच कराई जा रही है।
रविवार को एसओजी की टीम आरोपी गोपाल सारण को लेकर जयपुर पहुंची। यहां उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। दो दिन के रिमांड में गोपाल ने कई जानकारी एसओजी को दी है।
एडीजी एसओजी वीके सिंह ने बताया- एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में अभ्यर्थियों को पेपर देकर नकल कराने के मामले में भी गोपाल सारण के खिलाफ एफआईआर थी। उस दौरान एफआईआर होने के बाद गोपाल सारण ने राजस्थान छोड़ दिया। कई राज्यों में फरारी काटता रहा। गोपाल सारण फिलहाल रिमांड पर है।
भूपेंद्र सारण ने पूछताछ में कभी भी छोटे भाई के बारे में नहीं बताया
पेपर लीक का मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण पहले से एसओजी की गिरफ्त में है। एसओजी पूछताछ के लिए भूपेंद्र को कई बार रिमांड पर लाई। भूपेंद्र ने कभी नहीं कहा कि उसका छोटा भाई भी एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में साथ मिलकर काम कर रहा था। एसओजी के पास रिमांड पर आए अन्य आरोपियों ने इसकी जानकारी एसओजी के अधिकारियों को दी। इसके बाद एसओजी ने भूपेंद्र सारण से इसे लेकर पूछताछ की, तब जाकर उसने छोटे भाई की मिलीभगत के बारे में पूरी जानकारी एसओजी को दी।
एसएचओ रहते हुए माफिया से मिली भगत सामने आई थी गोपाल सारण पाली जिले में एसएचओ के पद पर तैनात था। इस दौरान सामने आया था कि उसकी क्रूड ऑयल चोरी माफिया और एक्सटॉर्शन गैंग से मिली भगत है। कई आपराधिक घटनाओं में मिली भगत होने पर सरकार ने साल 2020 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद से वह अपने बड़े भाई भूपेंद्र सारण के साथ मिल कर नकल गैंग का हिस्सा बना। आरोपी गोपाल सारण ने कई प्रतियोगी परीक्षा में नकल कराई। साथ ही अभ्यर्थियों को पेपर भी दिए। एसओजी गोपाल सारण को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। आखिर वह किन-किन परीक्षा में कितने लोगों को पेपर दे चुका है।
कौन है भूपेंद्र सारण?
भूपेंद्र सारण साल 2011 में जीएनएम भर्ती पेपर आउट प्रकरण और वर्ष 2022 में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में भी शामिल था। वह फिलहाल जेल में है। एटीएस एसओजी ने सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में भूपेंद्र सारण को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था।
RPSC से लीक हुआ था सीनियर टीचर भर्ती का पेपर
राजस्थान में 24 नवंबर 2022 को सीनियर टीचर भर्ती के जनरल नॉलेज का पेपर होना था। एग्जाम शुरू होने से पहले ही परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। उदयपुर में 40 स्टूडेंट्स बस में पेपर सॉल्व करते पकड़े गए थे। इसे लेकर अजमेर, उदयपुर, अलवर समेत राज्यभर में छात्रों ने हंगामा और प्रदर्शन किया था।
इसके बाद आनन-फानन में सुबह नौ बजे एग्जाम शुरू होने से ठीक पहले पेपर कैंसिल कर दिया गया था। जांच में पता चला था कि सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड थे।