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जयपुर। महिला उत्पीड़न प्रकरण मामलों की विशेष अदालत ने महिलाओं के साथ बढ़ते बलात्कार के मामलों पर चिंता जताई। कोर्ट ने पूर्व पत्नी के घर में घुसकर उससे शारीरिक संबंध बनाने के मामले में नरमी दिखाने से इनकार कर दिया। साथ ही, पूर्व पति को दस साल की सजा सुनाई और दस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।
महानगर द्वितीय क्षेत्र की इस अदालत के पीठासीन अधिकारी आशुतोष कुमावत ने यह आदेश दिया।
अपर लोक अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि घटना को लेकर पीड़िता ने 14 अक्टूबर 2021 को एक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में कहा कि परिवादिया का 9 अप्रेल 2021 को तलाक हो चुका और वह अपने दो बच्चों के साथ रहती है।
परिवादिया का पूर्व पति आए दिन उसे व बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर बलात्कार करता है। वह 10 अक्टूबर की रात घर आया और कपडे फाड़ दिए। इसके बाद जबरन संबंध बनाने की कोशिश की। इसका विरोध करने पर बेटी के गले पर चाकू लगाकर जान से मारने की धमकी दी और बलात्कार किया।
वहीं दूसरी ओर परिवादिया के पूर्व पति की ओर से कहा गया कि उसका मुस्लिम विधि से तलाक नहीं हुआ और समझौता पत्र तलाकनामा नहीं माना जा सकता। समझौता पत्र के गवाह के अनुसार दोनों एक साथ रहते हैं। साथ ही, आरोप लगाया कि उसकी पत्नी उससे पैतृक संपत्ति अपने नाम कराना चाहती है, इसीलिए यह मामला दर्ज कराया।