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जयपुर-बुजुर्ग की मौत पर परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा कर दिया। बेटे ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि फ्री इलाज के बहाने परिवार की इजाजत के बिना अलवर से लाकर पिता को यहां एडमिट किया। इसके बाद उनकी मौत हो गई। आरोप है कि ये लोग अंग तस्करी में लिप्त हैं। इसी को लेकर करीब 2 घंटे हंगामा चलता रहा। पुलिस की समझाइश के बाद परिजन माने और मामला दर्ज किया गया है।
मामला प्रताप नगर थाना इलाके सेक्टर-26 स्थित शिवम हॉस्पिटल का दोपहर 2 बजे का है।
मामले को लेकर अस्पताल के सीईओ ने कहा- हमने मरीज की हालत बिगड़ने के बाद परिजनों को उन्हें SMS रेफर करने को कहा था, लेकिन वे नहीं माने।
शनिवार को हुई थी मौत
SHO (प्रताप नगर) मुनेन्द्र सिंह ने बताया- लक्ष्मणगढ़ अलवर निवासी महावीर बुंदेला (60) की मौत हुई है। इसे लेकर परिजनों ने हंगामा किया। बुजुर्ग यूरोलॉजी की समस्या से परेशान थे। उन्हें 6 सितम्बर को उन्हें सेक्टर-26 प्रतापनगर स्थित शिवम हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। डॉक्टरों ने शुक्रवार को उनका ऑपरेशन किया गया था। शनिवार शाम को तबीयत बिगड़ने के कारण महावीर बुंदेला की मौत हो गई। हॉस्पिटल में मॉर्च्यूरी नहीं होने पर परिजनों को सूचना देकर शव को SMS हॉस्पिटल की मॉर्च्यूरी भिजवाया गया था। इसके बाद रविवार को परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा कर दिया। समझाइश के बाद बेटे महेन्द्र सिंह की शिकायत पर FIR दर्ज की गई। जांच जारी है।
पिता को बिना इजाजत ले आए पड़ोसी युवक
रिपोर्ट में महेन्द्र सिंह ने बताया- वह श्योपुर सांगानेर में किराए से रहता है। उसके अलवर स्थित गांव के पास रविंद्र व साजिद नाम के युवक रहते हैं। वह खुद को जयपुर के शिवम हॉस्पिटल में डॉक्टर होना बताते हैं। 6 सितम्बर को पिता महावीर बुंदेला को फ्री इलाज के बहाने लेकर जयपुर लाकर शिवम हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया।
रिपोर्ट में बेटे महेंद्र ने आरोप लगाया- इसकी सूचना दोनों ने परिवार के किसी सदस्य को नहीं दी। साजिद और रविंद्र शिवम हॉस्पिटल में अंग तस्करी का व्यापार करते हैं। इसलिए आस-पास मेडिकल कैंप लगाकर गांव के भोले-भोले लोगों को इलाज के बहाने फंसाते हैं। फिर मौका पाकर अंगों की तस्करी करते हैं। पुलिस ने मेडिकल बोर्ड का गठन होने के बाद पोस्टमॉर्टम करवाकर आगे की कार्रवाई का आश्वासन दिया।
अस्पताल के CEO बोले- रेफर करने की समझाइश की थी
अस्पताल के सीईओ डॉ. नरेंद्र ने बताया- शुक्रवार ऑपरेशन के बाद उनकी स्थिति ठीक थी। नॉर्मल होने के बाद शनिवार को उनको हार्ट अटैक जैसी स्थिति पैदा हुई। जिसको देखते हुए हमने परिजनों से बात कर उन्हें SMS रेफर करने की बात कही। यह भी बताया कि उनकी हालत ठीक नहीं है। लेकिन, उसके बाद परिजन अस्पताल से चले गए और फोन भी बंद कर लिया।
डॉ. नरेंद्र ने बताया- इसके बाद हमारी ओर से रेफर करने के लिए एंबुलेंस बुलाकर पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दे दी थी। इसी दौरान मृतक की बेटी ने आकर रेफर करने से मना कर दिया और यही इलाज करने पर अड़ गई। पुलिस ने भी रेफर करने के लिए समझाइश की थी। इसके बाद रविवार को परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया।