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जयपुर-खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जयपुर जिले में गेहूं का पूरा उठाव नहीं हो रहा है। डिपो से राशन डीलर तक गेहूं गायब होने का खेल भी खूब चल रहा है। बीते तीन महीनों में जिले में गरीबों के हक का 27 टन से ज्यादा गेहूं गायब हो गया। गेहूं गायब होने का मामला उजागर होने के बाद भी विभाग के अफसरों ने विजिलेंस जांच तक शुरू नहीं की है। जबकि मुख्यालय स्तर पर स्टेट विजिलेंस टीम बनी हुई है जो जिलों में इस तरह के मामलों की जांच करती है।
जयपुर जिले में मिलीभगत से गेहूं गायब करने के गड़बड़झाले की विजिलेंस जांच शुरू नहीं करना जयपुर जिला रसद अधिकारी कार्यालय से सचिवालय तक चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि कांग्रेस सरकार के समय मुख्यालय स्तर पर गठित विजिलेंस टीम दौसा, पाली, सिरोही समेत कई जिलों में राशन के गेहूं के गायब होने के गड़बड़झाले की जांच कर चुकी है।
टीम की रिपोर्ट के आधार पर डीएसओ, ट्रांसपोर्टर या नागरिक आपूर्ति प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी। उधर, विभाग के ही एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि स्टेट विजिलेंस टीम में भी जिला रसद अधिकारी स्तर के अधिकारी होते हैं और वे नहीं चाहते कि फील्ड में तैनात उनके समकक्षों की गड़बड़ी की पोल खुले।