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जयपुर शहर के पारिवारिक न्यायालय ने पति-पत्नी के बीच 15 साल तक शारीरिक संबंध नहीं रहने को मानसिक क्रूरता की श्रेणी में मानते हुए तलाक की अर्जी को मंजूर कर लिया।
जयपुर के पारिवारिक न्यायालय क्रम-4 ने पति के विवाह विच्छेद के प्रार्थना पत्र को मंजूर करते हुए यह आदेश दिया। उधर, पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया। नवंबर 2003 में शादी हुई और 2018 से दोनों अलग रह रहे थे।
पति का कहना- शादी की पहली रात ही पत्नी ने संबंध बनाने से कर दिया था मना
विवाह विच्छेद के मामले में पति का कहना था कि शादी की पहली रात को ही पत्नी ने संबंध बनाने से मना कर दिया। यह भी आरोप लगाया कि पत्नी परिवार से अलग रहने के लिए दबाव बनाती थी और मांग नहीं बनाने पर आत्महत्या करने और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देती थी।
पत्नी बोली- पति के दूसरी महिलाओं से संबंध
वहीं पत्नी का कहना था कि पति के दूसरी महिलाओं से संबंध थे, इसलिए पति ने शारीरिक संबंध बनाने में रुचि नहीं दिखाई। कोर्ट ने कहा कि केवल आरोप लगाना ही पर्याप्त नहीं है। आरोप लगाने वाले पर उन्हें साबित करने का भी भार होता है।


