PALI SIROHI ONLINE
जयपुर। सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित की गई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में कर्मचारी कल्याण, कृषक हित, विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण, रेल परिवहन के विकास सहित कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।
राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 में संशोधन
1. राज्य कार्मिकों के हित में उनकी ग्रेच्युटी एवं डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाते हुए 25 लाख करने को मंजूरी दी गई है।
2. अब पुरुष एवं महिला कार्मिकों को सीजीएचएस की तर्ज पर अब आरजीएचएस में भी चिकित्सा सुविधा के लिए माता-पिता या अपने सास-ससुर में से किसी एक को सम्मिलित करने का विकल्प मिलेगा, बशर्ते माता-पिता या सास-ससुर आश्रित होने के साथ पुरुष अथवा महिला कार्मिक के साथ निवास करते हों।
3. इस संबंध में बजट वर्ष 2024-25 की घोषणा की क्रियान्विति करते हुए राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 के नियम 3(9) में संशोधन किया जाएगा।
केंद्रीय कार्मिकों की तर्ज पर 10 वर्षों तक बढ़ी हुई दर से पारिवारिक पेंशन का लाभ
1. कार्मिक की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर अब आश्रित को केंद्रीय कार्मिकों की तरह ही 10 वर्षों तक बढ़ी हुई दर से पारिवारिक पेंशन का लाभ मिल सकेगा। इन प्रावधानों के लिए राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 55 एवं 62 में संशोधन की अधिसूचना 1 अप्रेल, 2024 से प्रभावी होगी।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राजस्थान जिला न्यायालय लिपिक वर्गीय स्थापन नियम 1986 के नियम 14 ए एवं 20 के उपनियम 4 और राजस्थान अधीनस्थ न्यायालय (चालक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) सेवा नियम, 2017 के नियम 18 के उपनियम 4 एवं नियम 30 में संशोधन का अनुमोदन किया गया है। इन संशोधनों से न्यायालयों के उन लिपिकवर्गीय कार्मिकों, चालकों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो दो से अधिक संतान होने के कारण पदोन्नति से वंचित हो गए थे।
3. अब उनकी पदोन्नति के लिए उस तारीख से विचार किया जा सकेगा, जिससे उनकी पदोन्नति देय हो गई थी और उन्हें नोशनल वेतनवृद्धि दी जा सकेगी।