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जयपुर-राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव पर संकट मंडराने लगा है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए वार्षिक कैलेंडर में जुलाई से सितंबर के बीच छात्रसंघ चुनाव के आयोजन का जिक्र किया गया था। वहीं, अब तक सरकार की ओर से छात्र संघ चुनाव की घोषणा नहीं की गई है। इसके बाद छात्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल, पिछले महीने उच्च शिक्षा विभाग ने वार्षिक कैलेंडर जारी किया था। इसमें जुलाई से 2 सितंबर के बीच छात्रसंघ चुनाव के आयोजन के साथ ही छात्रसंघ पदाधिकारी के कार्यालय उद्घाटन का समय दिया गया था। लेकिन सरकार ने अब तक चुनाव प्रक्रिया को लेकर किसी तरह का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। जबकि चुनाव से 21 दिन पहले सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। अब 2 सितंबर में भी महज 8 दिन का वक्त बचा है। ऐसे में इतने कम समय अवधि में चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया का संपन्न होना नामुमकिन है।
NSUI के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश भाटी ने कहा- राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने तानाशाही मचा रखी है। बीजेपी सरकार युवाओं की आवाज को दबाना चाहती है। यही कारण है कि वार्षिक कैलेंडर में जिक्र होने के बावजूद सरकार ने अब तक छात्रसंघ चुनाव का ऐलान नहीं किया है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार चुनाव कराने के मूड में नहीं है। NSUI के कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। बल्कि, सरकार को हर मोड़ से पर घेरने का काम करेंगे। प्रदेश की तानाशाह सरकार जब तक छात्र संघ चुनाव की घोषणा नहीं करेगी।
भाटी ने कहा- NSUI का एक-एक कार्यकर्ता सड़क से लेकर सदन तक सरकार के खिलाफ मोर्चा खुलेगा। एक और जहां राजस्थान का उच्च शिक्षा विभाग छात्रों से चुनाव के नाम पर फीस वसूल रहा है। दूसरी तरफ सरकार चुनाव नहीं करा रही है। यह पूरी तरह गलत है। जब राजस्थान में विधानसभा लोकसभा चुनाव का आयोजन हो सकता है। आखिर छात्रसंघ चुनाव से सरकार को इतना डर क्यों लग रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजस्थान यूनिवर्सिटी के इकाई मंत्री मनु दाधीच ने कहा कि राजस्थान की पूर्व कांग्रेस सरकार ने छात्र संघ चुनाव को स्थगित करने का काला फैसला किया था। इसके खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने पुरजोर विरोध किया। लेकिन अब जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई है तो भी छात्रों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। एबीवीपी के कार्यकर्ता इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसे में अगर जल्द से जल्द सरकार ने छात्र संघ चुनाव की घोषणा नहीं की। हम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेम बैरवा समेत सरकार के तमाम मंत्रियों के कार्यक्रमों का बहिष्कार कर उन्हें काले झंडे दिखाएंगे।
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राजस्थान सरकार का पहला लक्ष्य प्रदेश के युवाओं को बेहतर शिक्षा देना है। अभी हमारी सरकार शिक्षण व्यवस्था को और बेहतर किस तरह किया जा सकता है। इस पहलू पर काम कर रही है। पिछली सरकार ने चुनाव को स्थगित किया था, हमारी सरकार ने फिलहाल
छात्रसंघ चुनाव को लेकर कोई निर्णय नहीं किया है
इन यूनिवर्सिटी और कॉलेज में नहीं होंगे चुनाव
राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, कोटा विश्वविद्यालय कोटा, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर, पं. दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर में चुनाव की संभावना कम।
वहीं, राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर, गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा, हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय जयपुर, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर और एम.बी.एम. विश्वविद्यालय जोधपुर के साथ ही प्रदेश के 500 सरकारी और 600 से अधिक प्राइवेट कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव पर रोक जारी रह सकती है। इससे प्रदेश के 6 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स इस बार भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
अंतिम बार 2022 में हुए थे छात्रसंघ चुनाव
राजस्थान में साल 2005 छात्रसंघ चुनाव के दौरान काफी हंगामा और हुड़दंग हुआ था, जिसके बाद हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई थी। साल 2006 में कोर्ट ने छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगा दी थी। इसके बाद साल 2010 में एक बार फिर छात्रसंघ चुनाव की शुरुआत हुई थी।
हालांकि, साल 2020 और 2021 में भी कोरोना संक्रमण की वजह से छात्रसंघ चुनाव नहीं हो पाए थे। इसके बाद सरकार ने 29 जुलाई 2022 को एक बार फिर सरकार ने छात्रसंघ चुनाव कराने का फैसला किया था। लेकिन पिछले साल 12 अगस्त को कांग्रेस सरकार ने छात्र संघ चुनाव रद्द करने का फैसला किया था।