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जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई निर्णय किए गए। सबसे बड़ा निर्णय निवेश को आकर्षित करने को लेकर हुआ। कैबिनेट ने ‘राजस्थान निवेश प्रोत्साहन’योजना को मंजूरी दी है।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकारों को बताया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स) को मंजूरी प्रदान की गई। रिप्स में स्टैंडर्ड सर्विसेज पैकेज के तहत इंसेंटिव के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 50 करोड़ रुपए से घटाकर 25 करोड़ रुपए, पर्यटन इकाइयों के लिए इसे और भी कम करके 10 करोड़ रुपए किया गया है। रिप्स में एयरो और स्पेस, रक्षा, ड्रोन, सेमीकंडक्टर्स, एग्री-टेक और वेस्ट रिसाइक्लिंग क्षेत्रों को शामिल किया है। एक करोड़ रुपए से कम का अचल पूंजी निवेश करने वाले एमएसएमई उद्यमों को भी रिप्स के दायरे में लाया गया है।
नई यूनिट लगाने और पहले से चल रही इकाइयों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ उन मौजूदा उद्यमों को भी रिप्स के लाभ प्रदान किए जाएंगे, जो पहली बार निर्यातक बन रहे हैं। इकाइयों की लागत कम करने के लिए भूमि और बिजली से संबंधित इंसेंटिव शुरू किए गए हैं। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने वाले निवेशकों के लिए भूमि लागत के भुगतान का लचीला मॉडल रिप्स में शामिल किया गया है, जिसमें भूमि लागत का 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान करने के बाद शेष 75 प्रतिशत राशि 10 किश्तों में 8 प्रतिशत ब्याज के साथ दी जा सकेगी।
ऊर्जा के अधिक उपयोग वाले 8 प्रकार के उद्योगों को विद्युत लागत इंसेंटिव प्रदान किए जाएंगे। एमएसएमई सेक्टर के लिए स्टैण्डर्ड मैन्युफैक्चरिंग पैकेज की तुलना में अधिक अवधि (7 वर्ष) के लिए ब्याज छूट का लाभ दिया जाएगा। खादी, ग्रामीण पर्यटन और कृषि-प्रसंस्करण एमएसएमई के लिए अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा।
3 हजार करोड़ रुपए से अधिक निवेश पर 5 गुना इंसेंटिव
महिलाओं की ओर से संचालित स्टार्टअप्स को 2 साल के लिए शत प्रतिशत एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश पर 5 गुना इंसेंटिव दिए जाएंगे। चतुर्थ श्रेणी एवं वाहन चालक पदों की शैक्षणिक योग्यता अब 10वीं भर्तियों में पारदर्शिता और एकरूपता लाने के लिए चतुर्थ श्रेणी सेवा एवं समकक्ष पदों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं एवं 8वीं कक्षा उत्तीर्ण से बढ़ाकर 10वीं की गई है। भर्ती कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से लिखित परीक्षा के माध्यम से कराई जाएगी। वाहन चालक के पदों की भर्ती भी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से करवाई जाएगी। वर्तमान में विभिन्न विभागों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लगभग 60 हजार पद रिक्त हैं, जिन पर भविष्य में भर्ती की जाएगी।
ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन का अनुमोदन
विद्युत उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से 5 हजार 708 मेगावाट की सौर ऊर्जा और विण्ड-सोलर हाइब्रिड परियोजनाओं के लिए 10 हजार 418 हेक्टेयर भूमि आवंटन की स्वीकृतियां कैबिनेट में प्रदान की गईं।
क्रिस्टेलाइन टेक्नोलॉजी पर आधारित 2 हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना जैसलमेर जिले की उपनिवेशन तहसील नाचना-1 के ग्राम बोडान में, क्रिस्टेलाइन टेक्नोलॉजी विद ट्रैकर पर आधारित
2 हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना जैसलमेर जिले की उपनिवेशन तहसील नाचना-1 के ग्राम बोडान में, क्रिस्टेलाइन टेक्नोलॉजी विद ट्रैकर पर आधारित 1500 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना जैसलमेर जिले की उपनिवेशन तहसील मोहनगढ़ नं-1 के ग्राम मोहनगढ़ एवं उपनिवेशन तहसील मोहनगढ़ नं-2 के ग्राम पोहड़ में लगाई जाएगी।
1100 मेगावाट की एक सौर ऊर्जा परियोजना एवं 108 मेगावाट के विण्ड-सोलर हाइब्रिड प्रोजेक्ट के लिए जैसलमेर एवं फलौदी जिलों में भूमि आवंटित की स्वीकृति दी गई है।
जैसलमेर जिले की तहसील रामगढ़ के ग्राम सियाम्बर में एक हजार मेगावाट की एक सौर ऊर्जा परियोजना लगाई जाएगी।बिजली वितरण नेटवर्क के विकास के लिए दौसा जिले में लवाण तहसील के ग्राम पूरणवास और डुगरावता में 765/400 के.वी. उपकेन्द्र की स्थापना के लिए पावरग्रिड ब्यावर दौसा ट्रांसमिशन लिमिटेड को 38.17 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जाएगी।
जोगाराम पटेल ने कहा कि उद्योग लगाने के दौरान पेड़ काटने के पक्ष में नहीं हैं। बहुत जरूरी हुआ तो एक पेड़ काटने के बदले 10 पौधे लगाने होंगे।
तीन संयुक्त उद्यम कम्पनियों के प्रस्तावों को मंजूरी
तीन संयुक्त उद्यम कम्पनियां बनाने के प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया गया। लिग्नाइट आधारित परियोजना के लिए एनएलसी इंडिया लिमिटेड और अक्षय ऊर्जा परियोजना के लिए एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल लिमिटेड के साथ राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की जेवी कम्पनियां बनाई जाएंगी।