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पाली-पाली शहर के निकट स्थित हेमावास बांध एक बार फिर ओवरफ्लो हुआ है। इसके कारण बांध क्षेत्र और आसपास बसे करीब 14 गांवों को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। सिंचाई विभाग के अनुसार बांध से शनिवार को 2 सेमी की चाद्दर चली। बांध की भराव क्षमता 28 फीट है। इसमें 2006.69 मिलियन क्यूबिक फीट (MCFT) पानी स्टोर होता है।
जिले में जवाई बांध के बाद हेमावास प्रमुख बांध है। इसके पानी से पाली शहर सहित आस-पास के रामासिया, हेमावास, मंडली, मंडिया गिरादड़ा, गुलाबपुरा, रूपावास, मूलियवास, राऊबा की ढाणी, काणदरा, गुरलाई सहित करीब 14 गांवों में सिंचाई के लिए किसानों को पानी उपलब्ध करवाया जाता है। साथ ही पेयजल के लिए भी इस बांध में 500-600 MCFT (मिलियन क्यूबिक फीट) पानी रिर्जव रखा जाता है। बता दें कि हेमावास बांध गत वर्ष भी ओवरफ्लो हुआ था।
सुमेर नदी से होती है पानी की आवक
सिंचाई विभाग के अनुसार जोजावर-देसूरी क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियों से खैरवा, सुमेर नदी के जरिए हेमावास बांध में आता है। हालांकि जिले में गत दिनों हुई जोरदार बारिश के कारण बांध में लगातार पानी की आवक जारी है।
किसान बोले- अब तक 15 बार हुआ ओवरफ्लो किसान नेता गिरधारीसिंह मंडली ने कहा- हेमावास बांध ओवरफ्लो होने से किसानों के लिए खुशी की बात है। इस बांध से 14 गांवों में सिंचाई के लिए पानी जाता है। साथ ही पेयजल के लिए भी कुछ पानी रिर्जव रखा जाता है। वर्ष 1980 से 2024 तक हेमावास बांध 15 बार ओवरफ्लो हुआ।